वैक्सीनेशन [4 जून]
वैक्सीनेशन [4 जून]
मेरी प्यारी संगिनी
आज तुमसे मिलने में, थोड़ी देर हो गई संगिनी, तुम बुरा मत मानना, क्योंकि मैं वैक्सीनेशन के लिए गई थी, हमारी गुरु माँ के साथ।
यह बात बिल्कुल सत्य है कि, हमारे बड़ों तथा ठाकुर जी का आशीर्वाद, हमारे लिए बहुत मायने रखता है, यह उन दोनों का आशीर्वाद ही है, कि जहाँ लोग भीड़ लगाकर वैक्सीन लगवा रहे हैं, वहाँ हम आराम से गए और वैक्सीन लगवा कर घर भी आ गए।
ठाकुर जी से मिलने का वक्त हो रहा है, ये वक्त उनकी दीया बाती संध्या पूजन का है, इसीलिए आज के लिए बस इतना ही।
आज का "जीवन दर्शन" किसी से भी कोई उम्मीद ना रखें, क्योंकि यह उम्मीद जब टूटती है, तो बहुत दर्द होता है, मिलते हैं कल फिर से, मेरी प्यारी संगिनी।
