अब एक बदलता हुआ भारत बनना चाहता हूँ। अब एक बदलता हुआ भारत बनना चाहता हूँ।
लड्डू पेड़ा चढ़ाने के बाद और नींबू काटने के बाद किसी तरह घर से चली गई। लड्डू पेड़ा चढ़ाने के बाद और नींबू काटने के बाद किसी तरह घर से चली गई।
"बेटी के लिए रूकी थी और आज बेटी के लिए ही जा रही हूं......." "बेटी के लिए रूकी थी और आज बेटी के लिए ही जा रही हूं......."
कभी कभी मैं सोचती हूं,कि क्या वाकई मरने के बाद भी कोई खाने आता होगा?" कभी कभी मैं सोचती हूं,कि क्या वाकई मरने के बाद भी कोई खाने आता होगा?"
ये वक्त उनकी दीया बाती संध्या पूजन का है, इसीलिए आज के लिए बस इतना ही। ये वक्त उनकी दीया बाती संध्या पूजन का है, इसीलिए आज के लिए बस इतना ही।
या देवी सर्व भूतेषु क्षमा रुपेणि संस्थिता , नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम: । या देवी सर्व भूतेषु क्षमा रुपेणि संस्थिता , नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो ...