तुम को चाहते हैं
तुम को चाहते हैं
यह कोई लव स्टोरी तो नहीं है हाँ एक माँ बेटी की कहानी है। दोनो ही जैसे एक दूसरे के पूरक है हाँ शायद माँ ने बेटी को गडा ही है अपने हाथो से ही गडा है। वैसे एक मजेदार बात बता दूँ। इस माँ ने पैदा तो नहींं किया पर पाया है शिव के अरदास से। बहुत खूछ खोने के बाद ऐसी बेटी मिली है। दोनो की जान बसती है एक दूसरे में और जीते भी है। एक दूसरे में बस दोनो को किसी की परवाह नहींं।
दोनों बिंदास माँ रूठ जाये तो बेटी मनाये। बेटी रूठ जाये तो माँ मनाये। कितनी बाते कहीं गयी की दोनो अलग हो जाये ऐसा नहीं हुआ। माँ का नाम मानसी तो बेटी का नाम मधुलिका।
दोनों को बस एक दूसरे के साथ खुश रहने की आदत। माँ यानि मानसी बड़ा इतरा कर बोलती है मेरे आँचल का खूबसूरत हीरा। मधुलिका भी मोटु कहकर गले लग जाती हैं। पता नहीं कुछ परेशानी में मधुलिका। तो मानसी भी परेशान।
हैरान माँ कुछ बताती नहीं है और अपने ही अंदर छुपाती है। आइये हम सब मिल शिव से अरदास करे कि दोनो खुश रहे। और एक दूसरे को कहते रहे कि हम चाहते है। पर मानसी की तो आयु हो चुकी है। अब सवाल है मानसी के बाद मधुलिका कैसे जीयेगी जीना तो पड़ेगा और मानसी सारे अधूरे काम करने कहे।