तुम कहाँ हो ?
तुम कहाँ हो ?
यह सवाल वह सबसे करता रहता है,वह नीम पागल शानू ,वह पागल है कि दीवाना है हमें नहीं मालूम पर हाँ नीम के पेड से बार बार पूछता है तुम कब आओगे ,कभी जब गुजरते उसके पास से तो हमको रोक कर भी पूछता है कि वह आयेगी कि नहीं।
दीदा हम हाथ पकड़ कर पूछते है कि कौन तो सर झुकाकर अदा से बोलता है कि मेरी सुजाता वह बंसत मे आने को बोली थी,हम उसको कैसे समझाये कि पगले वह तो खुदा के पास गयी।
जो वहाँ जाता है भला कोई लौटकर आता है पर कैसे समझाँ तेरी चाहत को दुनिया ने रूसवा कर दिया और उस पागल ने इसी नीम में.लटक कर जान दे दी,आज तेरी इस हालत की गुनहगार वही है।
अरे तुम दोनों मेरे पास आते मैं शादी कराती और कही हटा देती पर शायद वाकई में चाहने वालो के साथ यही होता है बस पगले हाथ फैलाकर दुआ करते है तू भी उसके पास ही चला जा तभी सूकूँ मिलेगा।