Priyanka Gupta

Drama Romance

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Priyanka Gupta

Drama Romance

तुम अपने पति के साथ ही तो थी

तुम अपने पति के साथ ही तो थी

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ब्लैक रंग की मैक्सी ड्रेस में रिया गज़ब ढा रही थी। उसके कानों में गोल्डन कलर के झुमके थे। गोल्डन कलर के झुमके उसकी ब्लैक ड्रेस के साथ बहुत जँच रहे थे। उसने अपने बालों को खुला छोड़ा हुआ था। उसके चेहरे पर कभी -कभी आ रही बालों की लट उसके चेहरे की ख़ूबसूरती को बढ़ा रही थी। आँखों पर उसने हल्का सा काजल लगा रखा था। होंठों पर कॉफ़ी कलर की लिपस्टिक। खट -खट की आवाज़ करते हुए, वह होटल के रूम नंबर 510 के सामने पहुँची और उसने दरवाज़ा खटखटाया। 

 "आखिर तुम आ ही गयी। आज बहुत अच्छी लग रही हो। ",आकाश ने रिया से कहा। 

"मेरे पति ने हनीमून पर यह ड्रेस गिफ्ट की थी। वैसे तारीफ के लिए शुक्रिया। अब खड़े -खड़े दरवाज़े पर ही सारी बातें करोगे। अंदर नहीं आने दोगे। ",रिया ने मुस्कुराते हुए कहा। 

"मैं तो भूल ही गया था। अब तुम इतनी ख़ूबसूरत जो लग रही हो। अंदर आ जाओ। ",आकाश ने कहा। 

रिया जैसे ही अंदर घुसी, आकाश ने पीछे से उसे अपनी बाँहों में जकड़ लिया। "अरे, मेरे पति को पता चल गया तो ... .."रिया ने मुस्कुराते हुए कहा। 

"तुम्हारे पति की तो ऐसी की तैसी ",आकाश ने रिया की गर्दन को चूमते हुए कहा। 

रिया आकाश की बाँहों में पिघलती जा रही थी कि तभी.... .... 

ठक........................ठक ............................ठक........................ठक ...............ठक.........................ठक ..............."साहब जल्दी गेट खोलिये। होटल पर पुलिस की रेड पड़ी है। "होटल के किसी स्टाफ ने रूम नंबर 510 का गेट खटखटाते हुए कहा। 

"यह क्या आकाश ?तुमने तो कहा था सब ठीक होगा। शहर का सबसे अच्छा होटल है। ",रिया ने घबराते हुए कहा। 

"तुम क्यों चिंता करती हो ?हम तो पति -पत्नी हैं। पुलिस वाले कुछ नहीं करेंगे। ",आकाश ने कहा। 

आज से एक दिन पहले 

"अरे आकाश, क्या बोलकर आऊँगी घर पर ?सब लोग क्या सोचेंगे ?माना हमारी शादी को अभी 6 महीने भी नहीं हुए, लेकिन ऐसे अच्छा नहीं लगता। ", रिया ने अपने पति आकाश से कहा। 

"अरे यार, तुम्हें ठीक से देखे हुए 15 दिन से भी ज़्यादा हो गए हैं। अभी तो तुम्हें लौटने में 15 दिन और लगेंगे। घर पर तुमसे अकेले मिलना मुश्किल हो जाता है और तुम्हें अच्छा भी नहीं लगता। ",आकाश ने रुआंसे होते हुए कहा। 

"आकाश मैं भी तुमसे मिलना चाहती हूँ। मुझे भी तुमसे दूर रहना अच्छा नहीं लग रहा। लेकिन तुम भी तो समझो मेरी छोटी बहिन की शादी है। वैसे भी सब कुछ इतनी जल्दबाज़ी में हुआ है। शादी की तैयारियों के लिए कितना कम वक़्त मिला है। ऐसे में मुझे भी तो अपने बेटी और बहिन होने का फ़र्ज़ निभाना है। ",रिया ने प्यार से समझाते हुए कहा। 

"समझता हूँ, तब ही तो कह रहा हूँ कुछ बहाना करके २-३ घंटे के लिए आ जाना। मैं कल के लिए होटल में एक रूम बुक करा लेता हूँ। तुम्हे भी थोड़ा चेंज हो जाएगा ",आकाश ने समाधान सुझाते हुए कहा। 

"ठीक है बाबा, अब तुम्हारी तो बात माननी ही पड़ेगी। ",मन ही मन खुश होते हुए रिया ने कहा। 

आज का दिन 

रिया और आकाश कुछ समझते उससे पहले ही पुलिस ने उन्हें भी पकड़ लिया था। 

"सर, हम पति और पत्नी हैं। ", आकाश ने कहा। 

"आपके पहचान पत्र दिखाओ। ",इंस्पेक्टर ने कहा। 

उनके पहचान पत्रों पर उसी शहर का पता था। "हमें पागल बना रहे हो। यहीं पर जब तुम्हारा घर है तो होटल में क्या कर रहे हो। चलो दोनों को पुलिस स्टेशन लेकर चलो। पति -पत्नी हैं, झूठे कहीं के। ",इंस्पेक्टर ने हिकारत से कहा। 

"सर, हमारे घर पर फ़ोन करके मालूम कर लीजिये। ",आकाश ने कहा। 

"वह तो हम कर ही लेंगे। अभी तो थाने चलो। ",इंस्पेक्टर ने कहा। 

थाने का नाम सुनते ही रिया का रोना शुरू हो गया। वह सोच रही थी कि जब घर पर सबको पता चलेगा, सब लोग उसके बारे में क्या सोचेंगे। सब यही कहेंगे कि आकाश तो पुरुष है, लेकिन मुझे तो अपनी मर्यादा का ख़्याल रखना चाहिए था। आकाश उसे समझा रहा था कि, "उसने कोई पाप नहीं किया है। अपने पति के साथ ही तो थी। शर्मिंदा मत हो। "

थाने पहुँचकर, पुलिस इंस्पेक्टर ने उनके घर पर फ़ोन किया। वहाँ से पुष्टि होने के बाद उन दोनों को छोड़ दिया गया। 

रिया और आकाश, रिया के घर पर पहुँचे। रिया को तो काटो खून नहीं था। तब रिया की मम्मी ने कहा, " बेटा, ५-7 दिन में अपने ससुराल चली जाया कर। अभी तुझे और आकाश को भी तो एक -दूसरे को जानना समझना है। "

"मम्मी, मुझे माफ़ कर दो। ",रिया ने रूँधे गले से कहा। 

"अरे बेटा, माफ़ी किस बात की। तू तो अपने पति के साथ ही थी। ग़लती तो पुलिस वालों की थी। ", मम्मी ने कहा। 


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