"ट्रेकटर चलाना सिखा"
"ट्रेकटर चलाना सिखा"
मैंने जब प्रथम बार मेरे खेत में खुद ने
ट्रेकटर चलाना सिखा।
तब मुझे इतनी खुशी महसूस हुई थी।
कि जैसे मैंने कोई जिंदगी में महान
महत्वपूर्ण जीत हासिल कर ली हो।
प्रथम दिन मैंने खुशी में पूरे आठ घंटे
लगातार ट्रेकटर चलाया।
उस शाम मैं घर पर तोआया था।
परन्तु पुरी रात चैन से सो ही नहीं पाया था।
क्योंकि मैं सुबह फिर से दिन में ट्रेकटर
चलाने के बारे में ही सोचता रहा था।
मुझे यह मेरे जीवन कि एक
महान सफलता लग रही थीं।
फिर मैंने कई वर्षों तक मेरे घर का
ट्रेकटर खेती के लिए खुद ने चलाया था।
फिर मेरी सरकारी नौकरी लग गई थी।
पर मैंने ट्रेकटर चलाना नहीं छोड़ा था।
जब भी समय मिलता बड़ी
खुशी से खेत मेें ट्रेकटर चलाता था।
किसान के बेटे को खेती किसानी से
कितना प्यार होता हैं।
यह मैंने दिल से महसूस किया है।
क्योंकि मैं एक किसान का बेटा हूँ।
जय जवान जय किसान
जय हिन्द