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Madhu Vashishta

Action Classics Inspirational

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Madhu Vashishta

Action Classics Inspirational

टेक्निकली चैलेंज्ड

टेक्निकली चैलेंज्ड

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सुषमा जी कॉलेज की रिटायर्ड प्रिंसिपल थी। वह बेहद अनुशासित थी। घर का सारा काम वह स्वयं करती थी।उन्हें लगता था कि मोबाइल बच्चों को बिगाड़ता है। स्वयं भी उन्होंने केवल सुनने के लिए ही फोन रखा हुआ था। 

रिटायरमेंट के बाद वह अपने बेटे बहु से मिलने के लिए बंगलोर गई उनके बेटे बहू बैंगलोर में एमएनसी में काम करते थे और बहुरानी पोती पिंकी को भी अपने साथ ही ले जाया करती थी और क्रैच में छोड़ दिया करती थी। सुषमा जी के आने के बाद पिंकी को उन्होंने सुषमा जी के पास ही छोड़ना शुरू कर दिया था। सुषमा जी पिंकी को बहुत कहानियां सुनाती थी और उसे हलवा दलिया इत्यादि भी खाना सिखा रही थी।

एक दिन खेलते हुए पिंकी के पैर से स्टूल टकराया और पिंकी नीचे गिर गई उसके घुटने से खून बह रहा था। पिंकी की फर्स्ट ऐड कराने के लिए जब वह सोसाइटी में नीचे उतरी तब उन्हें मालूम हुआ बंगलुरु में डॉक्टर के पास जाने के लिए ,कैब वगैरह बुक करवाना , यहां तक कि डॉक्टर से अपॉइंटमेंट भी ऑनलाइन ही ली जाती है। पेमेंट भी ऑनलाइन ही की जाएगी।

अपने आप को बेहद पढ़ी लिखी समझने वाली सुषमा जी को आज बेहद बेचारगी महसूस हो रही थी। उन्होंने अपने बेटे को फोन मिलाया तो बेटे ने सोसाइटी के चौकीदार को फोन मिलाते हुए कहा की मम्मी टेक्निकली चैलेंज्ड है इनकी सहायता करो। चौकीदार के फोन से ही डॉक्टर के साथ वीडियो कॉलिंग हुई । थोड़ी देर में फ्लैट में ही एक नर्स ने आकर पिंकी की ड्रेसिंग भी कर दी। पेमेंट भी ऑनलाइन हो चुकी थी। आज सुषमा जी को महसूस हो रहा था कि स्कूल में सबसे पढ़ी लिखी वह खुद टेक्निकली चैलेंज्ड है। उन्होंने उसी समय प्रण किया कि वह समय के साथ चलेंगे और सब कुछ सीखेंगी।


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