STORYMIRROR

minni mishra

Drama

2  

minni mishra

Drama

स्टेटस

स्टेटस

2 mins
378

“मीरा, फिर किधर?”


“मोहन के घर कैरम खेलने”


"ओफ्फ.. बेटी, कितनी बार समझाया, मोहन से दोस्ती मत कर। मोहन, तुम्हारे पापा के ड्राईवर का बेटा है और तुम्हारे पापा शहर के नामी डॉक्टर। अपने पापा के स्टेटस का जरा ख्याल रखा कर”


ऐसा ही हुआ, समय के साथ मैं भी पापा के स्टेटस को अच्छी तरह समझने लगी। लेकिन, उसके साथ बीते सुनहरे पल को चाहकर भी भूल पाना मेंरे लिए संभव नहीं हो पा रहा था।


बचपन में मोहन रोज ड्राईवर अंकल के साथ मेंरे घर आता, उसे देखते ही झट, मैं बाहर खेलने निकल जाती।


हाँ, बचपन में उससे मिलने पर कोई पाबंदी नहीं थी पर, जैसे ही बड़ी होने लगी, मिलने पर सख्त पहरा लग गया। अब, हम दोनों यदाकदा ही मिलते। पापा के स्टेटस का ख्याल आते ही मैं, कभी उससे अपनी दिल की बात बता नहीं पायी।


समय कहाँ किसी का होता। बड़े धूम-धाम के साथ, आज मेंरी शादी नामी घराने में हो गई। पापा- मम्मी बहुत खुश दिख रहे थे, आखिर उनके स्टेटस का मेंचिंग था। विदाई की तैयारियां शुरू थी। पर, मेंरी नजरें अभी भी मोहन को ही ढूंढ रही थी। तभी, एकाएक मोहन पर नज़र पड़ी। अनायास मेंरे हाथ ऊपर उठ गये। वो मेंरे समीप आकर, सभी से नजरें बचाते हुए, एक छोटा-सा कागज थमाकर, तुरंत वापस लौट गया।


मैं कागज को मुट्ठी में लिए बेताब बाथरूम में घुस गई। कागज खोला, लिखा था, “मीरा, स्टेटस को कभी बीच में मत आने देना, दिल की दूरियां बढ़ जाती है” पढ़ते ही कागज को सीने से लगाकर, मैं फूट-फूट कर रो पड़ीं।


काश! मोहन, तुम मुझसे ये बात पहले कही होती, तो ये महावर, ये मेंहँदी, ये गजरे, आज सब के सब तुम्हारे नाम की होती!


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama