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Prerna Sharma

Abstract Action Inspirational

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Prerna Sharma

Abstract Action Inspirational

स्थान

स्थान

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एक शब्द है स्थान जो खाली हो या भरी हुई हो उसकी खुद की ही है एक अपनी अलग पहचान । किसी भी वस्तु, व्यक्ति,  वार्तालाप, हंसी खुशी, गम, आना-जाना,  ठहराव आदि स्थान के साथ ही शुरुआत करते हैं चाहकर जाना चाह कर भी उस स्थान के साथ जुड़े हुए हैं । जरूरी नहीं स्थान केवल हरियाली या बंजर भूमि के साथ ही लिया जाता हो किसी के दिल में भी अपनी जगह बना लेना जगह का नाम भी स्थान है किसी के दिमाग में अपनी छवि को बना कर रखना जो  कभी ना मिटने वाली हो उस जगह का नाम भी स्थान है ।

 स्थान की पहचान भी स्थान से ही है जैसे कि नदी के किनारे बंजर भूमि पर घूमना या फोटो खिंचवाना हर किसी को भाता है क्योंकि उसके साथ खल खल चलती पवित्र नदियों का जोड़ हैं । उसी के विपरीत गंदे नाले या नदी के आसपास कोई जाना भी जरूरी तो दूर देखना भी जरूरी नहीं समझता ।

 हर किसी को अपना हर क्षेत्र में, मुकाम पर, हर जगह हार हो या जीत तरफ अपना ही स्थान चाहिए । 

 अच्छे वातावरण वाले स्थान का मूल्य गंदी बात आवरण से कहीं ज्यादा फायदेमंद और सही होता है ।

 आमतौर पर किसी भी स्थान से जुड़े वाक्यों की बात करें तो मेरे जहन में सबसे पहले झुग्गी झोपड़ी में रह रहे लोगों की तरफ  जाता हैं । आखिर वह भी तो हम जैसे इंसान ही होते हैं उनके लिए भी वही धरती और वही कुदरत है उनका ऐसे स्थान पर रहना जहां केवल गंदगी की कल्पना की जा सकती है इसी कारण उन्हें कोई सम्मान नहीं दिया जाता की पहचान कार्य से नहीं झुग्गी झोपड़ी वाले स्थान में रह रहे लोगों ऐसी बातों से होती है उनकी पहचान उनका स्थान है वहीं दूसरी ओर  किसी तीर्थ स्थान या बड़े-बड़े महंगी इमारतों के पास रह रहे लोगों की पहचान बाकी लोगों से अलग की जाती है और उनसे सर हम बात करने में भी नर्मदा और इज्जतदारी पेश करते हैं चाहे उनके दिल में दूसरों के लिए घृणा भरी हो परंतु उनकी पहचान उनके स्थान से ही की जाती है ।

 आज एक छोटी सी जगह के लिए बड़े-बड़े रिश्ते नाती टूटते जा रहे हैं जगह और स्थान के लिए भाई भाई का दुश्मन बना हुआ है । बेटी की शादी के लिए आये रिश्ते लड़के के कार्य के साथ-साथ वहां किस माहौल में पला बढ़ा है और किस जगह पर रहता है इसकी छानबीन और इस बात अहमियत दी जाती है ।

 गली में  घूमते फिरते पशुओं को अलग नजर से देखा जाता है और उनके लिए कोई प्यार और दया की भावना नहीं आरती उसी के विपरीत अगर वही पशु घर में पल रहा हो तो उसके लिए घर पर ही एक अलग कमरा खाना पीना और उसके चिकित्सा जैसी सुविधाएं भी होती हैं इससे यह बात तो साफ है कि स्थान की वजह से ही  हमारा मूल्य लोगों की नजरों में उठता और झुकता है ।



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