सपना सच या फसाना
सपना सच या फसाना
सपना सच या फसाना कहानी मेरी जुबानी मेरे लिए तो सपना सच भी हुआ है ।
तो एक फसाना भी है कभी इनोसेंटली देखे गए सपने जो सोच भी नहीं सकते हैं, और वे सच होते तो उनको सपना सच या फसाना बोल सकते हैं।
जब मैं छोटी थी तब हमारे पड़ोस में एक रेखा दीदी पिलानी से रीजनल इंजीनियरिंग करके आई थी, उनको देखकर बहुत रोमांच होता था। मन में कहीं एक सपना था, इनोसेंटली देखा गया सपना कि कभी मेरी कोई बेटी हुई तो उसे मैं इंजीनियर बनाऊंगी।
बहुत अच्छे इंस्टिट्यूट में पढ़ाऊंगी इंडिया के हाईएस्ट इंस्टिट्यूट में पढ़ाऊंगी,।
दूसरा जब मैं कॉलेज में पढ़ती थी मुझे शुरू से ही गुजराती लोग बहुत पसंद है हमारे मंदिर में बहुत सारे गुजराती आते थे। और हमको बहुत ही अच्छे लगते थे। हमारे अच्छे रिलेशन थे उन लोगों से, तो मुझे गुजरातियों के प्रति एक आहो भाव जैसा था।
जब मेरी क्लास में एक गुजराती लड़की उषा शाह कहीं से आई थी एगजैक्टली मुझे याद नहीं है वो कहां से थी उससे मैंने दोस्ती कर ली थी। उसके बाद जब भी बात करते तो वह बड़ौदा यूनिवर्सिटी एमएस यूनिवर्सिटी की प्रसिद्धि के बारे में बताती तो मन में इनोसेंटली यह सपना आया कि मैं अगर संभव हुआ तो मेरे बच्चों को बड़ौदा एम एस यूनिवर्सिटी में पढ़ाऊंगी ।
मगर जब तक मुझे कभी गुजरात में आने का कोई चांस ही नहीं दिखता था। यह एक सपना था जो हकीकत हुआ।
उसके बाद मेरे पापा ने मेरे मेडिकल में जाने के ऊपर रोक लगा दी, कुछ घरेलू परिस्थितियों के कारण तब मैंने एक सपना देखा कि
मैं डॉक्टर से ही शादी करूं।
और मन में इनोसेंटली देखा गया यह सपना था कि मेरे दो बेटियां हो 1 को मैं इंजीनियर बनाऊँ 1 को मैं डॉक्टर बनाऊं समय के साथ यह सपना पक्का होता गया।
और कुछ चांस ऐसे बने कि मन में जो भी सपने थे वह सब आज पूरे हुए।
मेरे सभी बच्चों ने बहुत अच्छी एजुकेशन ली। बरोड़ा से एमएस यूनिवर्सिटी से अपने इंजीनियरिंग के और मेडिकल के पोस्ट ग्रेजुएशंस पूरे करें ।
और आगे हाईएस्ट इंस्टीट्यूट से पढ़ाई करके आई एम बेंगलुरु से पीएचडी ,और छोटी वाली में अमेरिका से बहुत अच्छे इंस्टिट्यूट से न्यूरो फिजीशियन मैं एमडी करके एपिलेप्सी में सुपर स्पेशलिटी करी।
बेटे ने भी अपनी इंजीनियरिंग और आगे की सारी पढ़ाई बहुत अच्छे इंस्टिट्यूट से पूरी करी। और डॉक्टर से शादी भी हो गई ।
मैंने भी पैरामेडिकल कर लिया पैथोलॉजिस्ट बन गई ।बड़ा मकान भी बना लिया ।
और क्या सपने होते हैं, जो जो सपने देखे थे इनोसेंटली सब बच्चों को अच्छा नागरिक भी बना दिया ।और हम लोग खुद भी शांति से अपनी जिंदगी बसर कर रहे हैं ।लोगों की सेवा करते हुए तो यहां सपना सच ऑफ फसाना तीनों ही हो गए।
