संघर्ष ने सफलता को चुना
संघर्ष ने सफलता को चुना
अंश आज एक बहुत बड़ा जिम प्रशिक्षक है, उसका खुद का जिम है। आज जिसमें वह 100 से अधिक प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित करता है। वैसे तो अंश को अपने करियर को चुनने व इसकी शुरुआत करने के लिए काफी संघर्ष करने पड़े। उसने कभी सोचा नहीं था की वह एक जिम ट्रैनर बनेगा।
दरअसल, अंश बचपन से शारीरिक रूप से मोटापे का शिकार था। जिसके चलते दोस्तों के बीच उसका भद्दा मज़ाक उड़ाया जाता था, जो की उसके मन को गहरी चोट पहुँचाते थे। स्कूल में भी वह कई खेल की गतिविधियों से निकाल दिया जाता था। कोई लड़की भी उसकी दोस्त नहीं बनना चाहती थी। ये सब आगे चलके उसकी मानसिक परेशानी का भी कारण बने।
फिर, एक दिन उसने निश्चय किया की अब वह जिम जाएगा और किसी की भी मज़ाक का शिकार नहीं बनेगा, उसने जिम में दाखिला ले लिया। काफी मेहनत और डाइटिंग करके साल भर बाद उसने अपनी बॉडी को सुड़ोल बनाने के लक्ष्य में कामयाबी हासिल करी। अब वह मोटा नहीं रहा। धीरे-धीरे, ये अब उसके शौक में बदल गया और वह जिम ट्रैनर बन गया। हालांकि ये उसके लिए काफी मुश्किल था। उसके घरवाले भी ये नहीं चाहते थे की वह एक जिम ट्रैनर बने। किन्तु, वह अपने फैसले पर अड़ा रहा। उसने शुरुआत एक स्कूल में ट्रैनर बनके करी, जहाँ से उसे कुछ खास कमाई नहीं मिलती थी। पर, धीरे-धीरे उसके प्रशिक्षुओं की संख्या बढ़ गयी और उसने खुद का जिम खोल दिया। अब वह काफी पैसा भी कमाने लग गया। अब दोस्त भी उसके प्रशंसक बन गए थे। इस तरह से उसने संघर्ष को चुना और संघर्ष ने उसकी सफलता को।