Sunita Mishra

Tragedy

5.0  

Sunita Mishra

Tragedy

समय तब और अब

समय तब और अब

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"छह साल की बच्ची के साथ घर के नौकर ने किया कुकर्म" गरिमा का मन कसैला हो गया।


कोई दिन ऐसा नही जाता, जब ऐसी अमानुषिक खबर अखबार मे न हो। पेपर उठा कर परे रख दिया उसने। गोपाल, यही नाम था, घर के नौकर का। साफ सफाई, बाज़ार हाट, घर के काम किया करता था। पापा सरकारी काम से अक्सर बाहर रहते थे। एक दिन दादी की अचानक तबियत बिगड़ी। ड्राईवर को बुला माँ दादी को अस्पताल ले जाने लगी। गोपाल को आवाज लगा कहा,


“गोपाल मै अम्माजी को अस्पताल ले जा रही हूँ, तुम बेबी को छोड़कर कहीं जाना मत, यहीं रहना"


माँ, दादी को लेकर लौटी, रात हो गई होगी। गोपाल भैया ने मुझे खाना खिलाया, गोदी मे घुमाया, लोरी जैसा गाना सुनाकर सुला चुके थे। समय के इस अंतराल मे हैवानियत दबे पाँव कैसे चली आई? 


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