STORYMIRROR

सुरभि शर्मा

Drama Action Inspirational

3  

सुरभि शर्मा

Drama Action Inspirational

सम्पन्न

सम्पन्न

1 min
210

"अरे! कहाँ हो भाग्यवान? ये लो मिठाई खाओ और खिलाओ।

   अपनी बिटिया का रिश्ता पक्का हो गया।

अच्छा लेनदेन की क्या बात हुई जी उनसे?" 

     " हाँ अपना जितना बजट था उससे सात आठ लाख ज्यादा पड़ जायेंगे, कह रहे थे वो लोग 

कि लड़के को पढ़ा लिखा कर उच्च पदाधिकारी बनाने में बहुत खर्चा हुआ है तो इतना तो करना ही पड़ेगा आपको। "


     " जी पर हम इंतजाम कहाँ से करेंगे इतने पैसों का?

   कहीं ना कहीं से तो करना ही पड़ेगा। घर गिरवी रख दूँगा "

     पर?

  पर वर कुछ नहीं लड़का उच्च पदाधिकारी है हाथ से निकलना नहीं चाहिये।


  " अच्छा और आपने ये बात कि क्या की हमारी बिटिया शादी के बाद भी अपनी जॉब जारी रखना चाहती है?"

 " वो तो उन लोगों ने यह कह कर मना कर दिया कि सम्पन्न परिवार की बहू और उच्च पदाधिकारी की पत्नी का जॉब करना शोभा देगा क्या?" 

 " जी सुनिए, उन लोग को फोन कर के इस रिश्ते के लिए इनकार कर दीजिए क्यूँकि मैं ऐसे सम्पन्न परिवार में अपनी बेटी नहीं दे सकती जो अपने बेटे को पढ़ाने लिखाने का खर्च अपनी बहू के घर से मांगे और बहू जब आत्मनिर्भर होना चाहे तो अपनी सम्पन्नता की दुहाई दे उसके पाँव में बेड़ियाँ जकड़ दें। "


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama