Gautam Kothari

Inspirational Others

4.7  

Gautam Kothari

Inspirational Others

समझे तो रामराम ना समझे सीताराम

समझे तो रामराम ना समझे सीताराम

1 min
387



याद रखना -

यह जो शरीर संघात है न

आँख - नाक - हाथ - पाँव - मुख -

जिह्वा - उपस्थ - पायु - विवेक आदि ।

यह सब उस दयानिधान ने तुमको लीज पर दिया है ।

कौन कितने दिन के लिए मिला है ,

यह हमको - तुमको पता नहीं ।

लेकिन मिला है लीज पर ही ,

मानना न मानना तुम्हारी - हमारी मर्जी ।

विचार कर इसका सदुपयोग कर लो ।

यह शरीर तुम्हारा प्रथम है या अन्तिम ?

सदुपयोग हो गया तो अन्तिम जानना ।

दुरुपयोग हो गया तो प्रथम जानना ।

प्रथम हुआ तो फिर चौरासी का चक्कर ।

अन्तिम हुआ तो चौरासी के चक्कर से मुक्ति ।

ये चौरासी का घनचक्कर बड़ा कठिन है ।

पीस जाओगे इस चौरासी के चक्की में ।

यह चौरासी अंगुल का शरीर

चौरासी पार करने के बाद मिला है ।

एक अंगुल मानव का शरीर एक

लाख योनि पार करने का फल है ।

चौरासी अंगुल का शरीर होता है मनुष्य का ।

बच्चा भी अपने हाथ के माप से साढ़े तीन हाथ का ,

बुड्ढ़ा भी अपने हाथ से साढ़े तीन हाथ का ।

संसार के सभी मनुष्य अपने

हाथ से साढ़े तीन हाथ के होते है ।

7 सात फुट का साढ़े तीन हाथ होता है ,

और 12 इंच का एक फुट ।

अब जोड़ लो 12 सते 84 चौरासी ।

अर्थात् 12 x 7 = 84

समझ गए तो राम राम ,

ना समझे तो सीताराम ।



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational