आत्मज्ञान की यात्रा[[भाग-6]]
आत्मज्ञान की यात्रा[[भाग-6]]
[[ पर्दा और नज़रें ]]
प्रमुख सूत्र...
यो मां पश्यति सर्वत्र सर्वं च मयि पश्यति
तस्याहं न प्रणश्यामि स च मे न प्रणश्यति
जो मुझे सब जगह देखता है...
सब प्राणियों को मुझ में देखता है...
मैं उसकी आंखों से कभी ओझल नही होता...
और वह भक्त मेरी आंखों से कभी ओझल नहीं होता....
भगवान श्री कृष्ण....
मजा आ रहा है दिलबर की दिल्लगी में...
पर्दा भी हमीं से है ओर नजरें भी हमीं पे...
ॐ नमो नारायण