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Avinash Agnihotri

Drama Classics Inspirational

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Avinash Agnihotri

Drama Classics Inspirational

समदर्शी

समदर्शी

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मम्मा आज दादाजी के कार्यक्रम (शोक सभा) में डॉक्टर अंकल ने पापा को बताया कि दादू को शुगर तो थी ही नही।तो फिर आप उन्हें ज़रा भी मीठा क्यो नही खाने देती थी।

बेटे शोभित की बात सुन माँ के चेहरे के भाव ऐसे थे कि जैसे उसकी सालों की चोरी आज पकड़ा गई हो। फिर भी वह बात को संभालते हुए बोली, बेटा हमे फिलहाल कोई बीमारी नही है।

तो इसका यह मतलब नही की अब हमे आगे कोई बीमारी ही नहीं होगी। इसलिए मैंने एतिहात के तौर पर ही उनका मीठा खाना बंद कर दिया था।

ताकि उनकी शुगर भी लेवल में रहे,और उनके मीठे के शौक से, हमारा महीने का बजट भी ऊपर ना जाए।

ये सब तुम अभी नही समझोगे शोभित, बच्चे और बूढ़े दोनों ही एक से होते है।जो खुद अपना अच्छा बुरा नही समझ पाते। इसलिए इनके लिए फैसले हमे ही लेने पड़ते है।

माँ की बात सुन फिर शोभित बोला,तब मुझे भी तो हमारी टीचर बार बार चाकलेट खाने से मना करती है कि इससे बच्चों के दांत खराब हो जाते है।

फिर भी आपने अब तक मुझे चॉकलेट खाने से क्यो नहीं रोका।


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