स्कूटी
स्कूटी
नीरजा ने अपने फोन पर तस्वीर दिखाते हुए कहा।
"देखिए पापा वर्मा अंकल की बेटी ने डांस में यह कप जीता है। मेरा भी बहुत मन था कि मैं भी सोसाइटी के फंक्शन में भाग लूं।"
उसके पापा ने सवाल किया।
"तो फिर भाग क्यों नहीं लिया ? तुमने भी तो कथक सीखा है।"
नीरजा ने एक आह भर कर जवाब दिया।
"समय कहाँ रहता है पापा। पहले बस में धक्के खाते कॉलेज जाओ। फिर बस से कोचिंग। कितना समय तो बस में ही बेकार हो जाता है। प्रैक्टिस के लिए समय नहीं बचता। उसके पास तो स्कूटी है। बहुत समय बचता है।"
नीरजा के पापा कुछ सोंच कर बोले।
"कितने तक की आएगी स्कूटी ? कौन सी स्कूटी लोगी ?"
सुनते ही नीरजा अखबार का वह पन्ना ले आई जिसमें उसकी मनपसंद स्कूटी का विज्ञापन था।