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Dr. Kusum Joshi

Tragedy

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Dr. Kusum Joshi

Tragedy

सकीना बी

सकीना बी

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सकीना बी के चेहरे की प्रसव पीड़ा मुस्कान में बदल गई,जैसे ही उसके कान में रबिया की आवाज पड़ी "अबके भी लौंडा" ही जना है भौजी तुमने", अब छंगा कुछ ना कह सके छः लौंडों का बाप हो गया है, करमजला !सकीना की आंखों से खुशी के आंसू बह निकले।


सकीना को अब भी याद है जब उसने पहली बेटी को जन्म दिया तो दो चार गाली दे के छंगा शान्त हो गया , दूसरी और तीसरी बेटी की पैदाइश पर तो बार बार पिटी , सास ने आग पर घी का काम किया , कहती "पीहर छोड़ कर आ, या तलाक दे इसे , दुबारा निकाह करवा दूँगी तेरा"।

छंगा हर बात पर तलाक की धमकी देता। चौथी बार तो सास और छंगा ने चेतावनी दे दी थी कि "अबके लौड़ियां पैदा की तो एक पल भी हमारे धूरे में रहने की जुर्रत ना करना।"

जाये तो जाये कहाँ , 'मैके' जहां पहले ही कभी पेट भर खाना नसीब नहीं हुआ। पर मौला ने करम किया , और हर बेटे की पैदाइश के बाद सकीना का सास और पति से डरना कम होता गया। पर ना प्रेम बचा था न मोह ,मशीन सी बन कर रह गई थी।


अचानक चर्रररर के साथ दरवाजा खुला, खुशी से चौडी़ हुई सास के साथ असमय बुढा़ते खिचड़ी दाढी में चोर नजरों से छंगा कमरे में आ गया। 

सकीना का चेहरा खुशी के बजाय कुढ़न से भर आया,अब उसका पलड़ा भारी था , अपनी कुढ़न भरे स्वर में बोली- " अभी भी ना हुई तसल्ली तो अबके मुझे 'तलाक' ही दे दो। और खाल खिंचवाने की ताकत ना बची है इस शरीर में अब"।




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