सितारे से पहला प्यार
सितारे से पहला प्यार
धोनी धोनी और हर तरफ धोनी छाया था....उसके लम्बे बाल और उसके हेलीकाप्टर शॉट के चर्चे सारे आम थे...उस वक्त शायद हर लड़की उसकी दीवानी थी ... निया ज़ो अभी बारहवीं मे थी .. क्रिकेट का उसे बहुत शौक था ... क्रिकेट के चक्कर मे खाना पीना और अपना पढना छोड़ कर बस उसमे ही रम जाती थी... अब तो धोनी की दीवानी हो गईं थी .........पाकिस्तान दौरा मे ज़ब धोनी "मैन ऑफ़ द सीरीज " बन था उसी वक्त धोनी ने निया केदिल मे
भी दस्तक दी थी ...अब निया किताबों के बीच उसकी तस्वीर रख घंटो उसे निहारती रहती ... और तो और उस नया फितूर सवार हो गया था .हर अख़बार
से उसकी तस्वीर की को काट कर अपने डायरी के पन्नों पर चिपका लेती ... निया के दिमाग़ पर धोनी के प्यार का नशा सर चढ़ कर बोल रहा था ।
निया के कमरे के दीवारों पर धोनी की पोस्टर चिपकी रहती थी .... निया को धोनी से प्यार था या क्रिकेट से पता नहीं और ज़ब धोनी ने 2007 के वर्ल्ड कप मे अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था ... उसने रोते रोते अपने कमरे मे लगी उसकी सारी तस्वीर फाड़ डाली...... उसका पागलपन देख घरवाले भी हैरान थे लेकिन निया अपने दिल के हाथो मजबूर थी ...उसके लिए धोनी से बड़ा हीरो कोई नहीं था ... वह क्रीज पर आकर अपने बल्ले से हर मैच जीता देगा ।
निया के जिंदगी मे जितने भी लडके आना चाहते थे ... निया सबको ऑंखें मटका कर कहती "मै धोनी से प्रेम करती हूँ " और मै सिर्फ धोनी की ही हूँ ... सब उसके पागलपन पर हँसते और उसका खिल्ली उड़ाते
निया अब कॉलेज मे थी ज़ब उसका दोस्त विपिन ने धोनी का कार्ड बना कर उसे प्रपोज किया था लेकिन पागल निया ने कार्ड रख लिया और उस बेचारे
का दिल तोड़ दिया
..... निया की दिल की दुनिया का बेताज बदशाह धोनी ही था ।
4जुलाई 2010 का वो दिन ज़ब यकायक ही धोनी और साक्षी की विवाह की खबरें मिडीया की सुर्खियों मे छाई थी ... धोनी के लिकरोड़ो दीवानी लड़कियो मे से एक निया का दिल ज़ोर से धड़का और कुछ देर शांत रह गया .....स्नातक की पढ़ाई कम्प्लीट कर चुकी निया अब बच्ची नहीं रह गईं थीअब निया एक
समझदार और सुलझी ऑफिस जाने वाली लड़की थी ... अपने विचारों मे मगन निया दफ्तर का काम कर रही थीतभी उसका फोन घनघना कर बज उठा
और सामने निया के द्वारा ठुकराया विपिन था ...निया ने आवाज सुनते ही फोन काटना चाहा ... कुछ सोच कर उसने हैलो कहा ।
"सुना है धोनी की शादी हो गई" ... विपिन ने तंज कसते हुए कहा ।
"हाँ... क्यूँ नहीं करनी चाहिए थी ?"
"निया अब तुम्हारा क्या होगा?"
"सुनो विपिन ज़ब आप किसी से प्रेम करते हो तो बदले मे उसे प्रेम पाने की लालसा रखे बिना उसके सुख मे ख़ुशी होना और उसे हर दुःख से बचाने की प्रार्थना करना सीखो .. तुम्हारे लिए धोनी के लिए मेरा प्रेम पागलपन है .. लेकिन मेरे लिए धोनी मेरा पहला प्यार है और हमेशा रहेगा .... धोनी तो मेरे
लिए वो चाँद है ज़ो दिन और रात हमेशा मुझसे दूर रहता है .. मै हर पल उसे देख तो सकती हूँ... उसके पास नहीं जा सकती हूँ .. उसे छू नहीं सकती हूँ ..... लेकिन उसे हमेशा दिल ही दिल मे प्यार कर सकती हूँ । धोनी को देख कर मेरे दिल ने धड़कना सीखा,प्यार निभाना और प्यार के असली मायने सीखा ... मेरा पहला प्यार अधूरा रहकर ही मुझे पूरा किया है ।"