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Pooja Mani

Inspirational

4.5  

Pooja Mani

Inspirational

आत्मशक्ति

आत्मशक्ति

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"चल रिना  आज इसी रास्ते से चलते है ,वरना कॉलेज पहुंचने मे देरी हो जाएगी ...पता है ना आज कॉलेज मे  टेस्ट होने वाला है ...तेरे कारण मुझे 

भी देरी हो रही है" ...नेहा   अपने मे बक बक किये जा रही थी ।

"सुन मेरा तो हर काम लेट लतीफी से होना चलता है ...सुबह नौ से चार कॉलेज करो और कमरे मे आकर आराम करना तो बनता है" ...रिना ने  हँसते  हुए कह दिया ।"हाँ ....!!"

"मोहतरमा तेरे मस्ती के कारण इन आवारा कुत्तों का फब्तियाँ सुनना पड़ेगा" ...मुझे बस इस बात की चिंता है नेहा ने गुस्से से रिना को  घूरते हुए कहा ।

सीधे रास्ते गयी तो अपनी कॉलेज बस छूटना तय है ...एक दूसरे की तरफ देखा मन ही मन दोनों परेशान थे ..लेकिन दुविधा पर ज़रूरत भारी पड़ गईं और दोनों   बस्ती के रास्ते मुड़ गए ।

जैसे जैसे आगे बढ़ रहे थे , उन दोनों  के दिमाग की आशंकित तस्वीरें एक एक कर के सामने आने लगे ।सीटीयां और फब्तियां झेलते दोनों  तेज़ी से आगे बढ़ ही रहे थे,नेहा के तानो से रिना की  दिमाग़ की नसे फटी जा रही थी वो अलग .....।

मनचले  लडको से  रगड़ खाने से बचते हुए, वो  दोनों  तेज़ी से किसी तरह से वहाँ से निकल जाना चाहती थी। तभी किसी ने रिना का दुपट्टा खींचा,झटका 

इतना तेज था कि रिना वहाँ जमीन पर गिर पड़ी ...लज्जा और बेबसी से रिना रो पड़ी और तभी नेहा ने उसे अपना हाथ देकर अप

नी ओर खींचा .... "उठ रो कर कमजोर मत पड़ हम अबला नजर आ रही है इन्हे और आज हम इन्हे अपनी ताकत दिखाते हैं ...आज के बाद हम क्या कोई भी लड़की इस रस्ते से गुजरे तो इनको उस लड़की मे भगवती देवी नजर आये" नेहा ने गुस्से मे उबलते हुए बोला। रिना भी तबतक सम्भल चुकी थी ...पास पडा अपना 

दुपट्टा उठाया और उसमे पास पड़ी छोटी छोटी पत्थरों को ड़ाला ....नेहा ने भी बिल्कुल वैसा ही किया ।

और फिर क्या ..... एक हाथ मे पत्थरों से भरा दुपट्टा और दूजे हाथ से   एक दूजे को कस कर पकड़ा।

"जय माँ काली.....!!!

बोलते हुए दोनों ने पास खडे लड़को को दुपट्टा घुमा कर उन लड़को का मुंह लाल कर दिया .....उन दोनों के आँखों मे खून उतर आया ,उनकी रक्तिम ऑंखें मनचलों को परास्त कर गया.... और सारे अपना सा मुँह लिये खिसक गए...और जिसको जहां जगह मिला चोटिल होने से  बचने के लिए 

दुबक गया.....बस्ती की कुछ हमउम्र लड़कियां भी बाहर निकल आई और ज़ोर से ताली बजाने लगी ।

"आपने बिल्कुल सही किया दीदी..... हम औरतें को रास्ता नहीं बदलना है ....अपनी रक्षा के लिए खुद ही साहस जुटाकर लड़ना चाहिए "कहते हुए सारी लड़कियां मुस्कुराने  लगी ।

आगे सारे मनचले अपनी अपनी जगह पर दुबक गयें थे, नेहा और रिना के अंदर अचानक   उत्पन्न हुए इस ऊर्जा के कारण कॉलेज जाने रास्ता आसान हो गया।



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