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Bhawna Sharma

Abstract Drama

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Bhawna Sharma

Abstract Drama

सिनेमा

सिनेमा

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हम सब एक सिनेमा का हिस्सा है। फर्क इतना सा है कि सबके किरदार असल ज़िन्दगी में अभिनय करते है। कल क्या होगा इसी फिकर में अपने जीवन की असली फिल्म को भुतिया सिनेमा में बदल देते है। सबकी रूह तो है लेकिन ये भी इन किरदारों के पात्रों में खो सी गई है। जबकी इस किरदार से संबन्धित हर पहलू के लेखक हम खुद है। तो अभिनय भी हमें ही करना है ।और देखने वाला सिर्फ एक दर्शक है जो सिर्फ कर्म और किरदार को निभाने वाले की नियत देखता है ना की जाति। फिर भी कुछ किरदार अपनी रूह को खो देते है इस जहान में। इसलिये ...



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