सिंड्रेला का जूता
सिंड्रेला का जूता
गुलफाम नगर के मेयर विकराल के सिर पर भरे बाजार जूता लगने से पूरे गुलफाम नगर में हाहाकार मचा हुआ था। जूता किसी फुटबाल प्लेयर का था इसलिए शहर के सारे फुटबाल प्लेयर गिरफ्तार कर लिए गए थे, उन्हें जूता पहना कर देखा जा रहा था। लेकिन जूता १२ नंबर का था इसलिए किसे प्लेयर के पैर में आसानी से नहीं आ रहा था। शाम तक पुलिस जूता मारने वाले को न पकड़ पाई तो विकराल अपने सेक्रेटरी पर भड़का, "सुन बे कालू अगर जूता मारने वाला एक घंटे में न पकड़ा गया तो मैं तुझे भूखे कुत्तों के सामने डाल दूँगा।"
"हुजूर बुरा न माने तो एक बात कहूँ......" कालू तड़फ कर बोला।
"बोल।" विकराल क्रोध के साथ बोला।
"हुजूर अपने विशाल साब भी तो फुटबाल खेलते है और उनके पैर का साइज भी १२ है एक बार उनका जूता भी चेक कर लीजिए।" कालू बोला।
"क्या बकवास करता है, मेरा बेटा मुझे जूता क्यों मारेगा.........?"
"मारेगा तो नहीं हुजूर, लेकिन चेक करने में क्या हर्ज है....."
"तेरी बात गलत निकली तो आज तेरी खाल खिचवा दूँगा।"
आनन-फानन में विशाल को विकराल के कमरे में बुलाकर उसके फुटबाल के जूते के बारे में पूछा गया तो विशाल बोला, "डैड जूता तो सुबह खो गया।"
"कैसे?" विकराल ने पूछा।
"डैड सुबह फुटबाल खेलने जुबली पार्क गया था, वही फुटबाल को एक किक लगाई, किक चूक गई, फुटबाल तो वही रह गयी लेकिन जूता पैर से निकल कर न जाने कहाँ जा गिरा। दूसरा जूता मेरी कार में पड़ा है।" विशाल ने बताया।
"अरे बेटा देख कर खेला कर, जूता तो तेरा था लेकिन किसके सिर पर पड़ा कुछ पता है तुझे?" कालू बोला।
"अबे क्या जूता-जूता लगा रखा है, जूता न हुआ सिंड्रेला का जूता हो गया, अबे लगा होगा किसी मनहूस के सिर पर, वो मेरे सामने पड़ गया तो बचा हुआ जूता भी मारूँगा उसके सिर पर।" कह कर विशाल चला गया और विकराल खून के आँसू पीकर रह गया क्योंकि उसके सिर पर उसके बेटे का ही जूता पड़ा था।