सीखने की उमर
सीखने की उमर
आज थोड़ी देर से जगा, उठते ही लाल गुलाब के साथ जा पहुँचा धर्मपत्नी जी के पास, वो बालकनी में बैठे हुए न्यूजपेपर से कोई कटिंग काट रही थी मैने उनको फूल देते हुए कहा -
''हैप्पी बर्थडे स्वीटी''
"इस उमर में ये सब शोभा देता है क्या?"
''अरे गुलाब के फूल का उमर से क्या लेना देना।
वैसे बर्थडे की सुबह तुम ये अखबार से क्या कटिंग कर रही हो?''
''इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स का विज्ञापन है।''
''क्या कहा इंग्लिश स्पीकिंग, अब इस उमर में यह क्या धुन सवार हो गई है तुम को। याद है ना आज तुम्हारा 62वां बर्थडे है।''
"हाँ, लेकिन आपने ही तो कहा था कि नई चीज सीखने की कोई उम्र नहीं होती।"
"कहा तो था पर मुझे क्या पता था, तुम इंग्लिश स्पीकिंग शुरू कर दोगी। तुम्हें किस चीज की कमी है? भगवान का दिया सब कुछ तो है तुम्हारे पास, अरे तुम तो इतनी भाग्यशाली हो कि आज के समय में भी तुम्हें इतने अच्छे बेटे और बहू मिले है जिन्होंने तुम्हारे लिए अमेरिका से स्मार्ट फ़ोन भेजा है और तुम्हारी पोती ईशा ने अपने हाथों से बर्थडे कार्ड बना कर भेजा है। फिर तुम्हें क्या जरूरत है इस उम्र में इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स करने की?"
"जिससे मैं फ़ोन पर अपनी पोती ईशा से आसानी से बात कर सकूँ " ये कह कर श्रीमती जी किचन में चली गई।