शर्ट
शर्ट
"रति तुम्हारी जिंदगी में मेरा क्या स्थान है?"
"ये क्या बेतुकी बात कर रहे हो जुगल? तुम मेरे दोस्त हो.......बहुत ही अच्छे दोस्त।"
"बस दोस्त या दोस्त से कुछ ज्यादा? प्यार करती हो मुझसे?"
"जुगल ये क्या बेतुकी बात है? आज इस वीराने में लाकर तुम मुझसे कैसी बाते कर रहे हो?"
"मुझ पर भरोसा करती हो?"
"हाँ; भरोसा करती हूँ तभी इस वीराने में तुम्हारे साथ आई हूँ........"
"पक्का?"
"पक्का क्या होता है? लेकिन इन सब बातों का मतलब क्या है?"
"अगर भरोसा करती हो तो अपनी शर्ट उतार दो......"
"ये क्या बदतमीजी है.......क्या चाहते हो तुम?"
"विश्वास करती हो तो प्लीज अपनी शर्ट उतार दो......नहीं तो......"
"नहीं तो क्या करोगे?"
"शर्ट मुझे खुद उतारनी पड़ेगी।"
"कितने गिर गए हो तुम, मेरे साथ ऐसी हरकत करने की जरूरत न करना........मैं तुम्हारी जान ले लूँगी या अपनी जान दे दूँगी।"
"प्लीज मुझ पर भरोसा करो और अपनी शर्ट उतार कर दूर फेंक दो.......लो मैं अपना मूँह तुम्हारी तरफ से घूमा लेता हूँ.......अच्छा तुम मेरी शर्ट से खुद को ढक लेना लेकिन भगवान के लिए अपनी शर्ट उतार कर नीचे गिरा दो।" जुगल अपनी शर्ट उतार कर रति को देते हुए बोला।
रति ने मूँह घुमा कर खड़े जुगल की तरफ देखा और अपनी शर्ट उतार कर जमीन पर गिरा दी और झपट कर जुगल की शर्ट उठाकर खुद को ढक लिया।
जुगल तेजी से रति की जमीन पर गिरी शर्ट पर झपटा और शर्ट में अंदर की तरफ रेंगते एक बिच्छू को शर्ट झटक कर जमीन पर गिराया और उसे अपने जूते से कुचल कर मार दिया।
"ये बिच्छू पेड़ से तुम्हारी शर्ट गिरा था और तेजी से अंदर चला गया था......."
"तो ये बात सही तरीके से नहीं कह सकते थे? अब फिर अपना मूँह दूसरी तरफ घूमा लो ताकि मैं अपनी शर्ट फिर से पहन लूँ........"
"मुझे डर था कि कहीं बिच्छू के जिक्र से तुम घबरा न जाओ और बिच्छू तुम्हें काट न ले।"
"खूब अक्ल लगाई, अब यहाँ से चलो और अब इन वीरानों की सैर खत्म।"
