अर्चना राज चौबे

Romance

4.3  

अर्चना राज चौबे

Romance

शरारत

शरारत

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"सुन, आना जरूर ...." काम में उलझी निकिता को रीना ने फ़ोन करके शाम को अपने यहाँ होने वाली पार्टी में आमंत्रित किया ...."देखती हूँ यार ...आज बहुत बिजी हूँ ...पता नहीं शाम तक भी फुर्सत मिलती है या नहीं ...कल से बेटू के एग्जाम भी शुरू हो रहे हैं और ...." पर बीच में ही बात काटते हुए रीना ने हलकी शरारत से कहा कि" देख ले अब ...वैसे आने में तेरा ही फायदा है ..." ,"मतलब ?" निकिता थम गयी ...."अब मतलब भी मैं ही समझाऊं ?" कहते-कहते रीना अब खुलकर हंस दी ..."ओह्ह्ह", जैसे विचारों में बिजली कौंध गयी ....तो क्या ....कहते हुए अपना सवाल अधूरा ही छोड़ निकिता चुप हो गयी ....दिल तेज़ी से धडक उठा था ....क्या वाकई .....या फिर ये रीना की बच्ची यूँ ही मज़ाक ...की तभी रीना की चुलबुली आवाज़ सुनाई पडी .."तो फिर , आ रही है न ...चल शाम को मिलते हैं" और रीना ने फोन रख दिया |.

दरअसल एक ही कालोनी में रहने और मिलते -जुलते रहने से रीना निकिता की अच्छी दोस्त हो गयी थी ..इतनी अच्छी कि साल बीतते न बीतते दोनों एक दूसरे से अपनी निजी बातें भी करने लगी थीं ...इसी दौरान बातचीत के सिलसिले में निकिता ने एक बार बहुत भावुक होकर अमन के बारे में भी रीना को सब कह दिया की कैसे दोनों विश्व विद्यालय के दिनों में एक दूसरे के प्रेम में पड़े....कैसे ४-५ सालों में ये रिश्ता प्रगाढ़ हुआ पर हाँ , ये अमन की शराफत ही थी कि उन्होंने कभी भी उस बारीक रेखा को पार नहीं किया था ... पारिवारिक कारणों से शादी तो नहीं हो पायी पर इतने साल बीत जाने पर भी प्रेम है कहीं न कहीं और सम्मान भी है अमन के प्रति कि वो अमन को भूल नहीं सकी ....फिर बातों के दौरान ही पता चला कि अमन की शादी तो उसकी नन्द से अभी एक-डेढ़ साल पहले ही हुयी है ...कुछ दिनों पहले रीना ने बताया कि उसकी नन्द प्रेगनेंट है और अब ये पार्टी उसी की बेटी होने की ख़ुशी में यहाँ आने पर रीना दे रही है .....


न न करते और खुद को रोकते हुए भी निकिता खुद को वहां जाने से मना नहीं कर पायी और सात बजते ही उसने तैयार होना शुरू कर दिया ...फालसाई रंग की साडी पहनी ..उसका पसंदीदा रंग ...पार्टी में पहुँचने पर रीना के साथ एक और महिला गोद में अपनी नवजात बेटी को लेकर उसकी तरफ बड़ी गर्मजोशी से बढ़ी ..रीना ने परिचय कराया.."ये है अनन्या ,मेरी नन्द ... और ये ...ये निकिता हैं ..." कहकर अनन्या मुस्कुराई ..मैं जानती हूँ की तभी रीना को किसी ने आवाज़ दी ...रीना असमंजस व् उलझन भरी नज़रों के साथ उधर चल दी ... अनन्या ने बड़े अपनेपन से उसका हाथ पकड़ते हुए कहा , "अमन ने मुझे सबकुछ बताया है आप दोनों के बारे में .." फिर उसे थोडा असहज देखकर बोली ,"अमन आपकी बहुत रेस्पेक्ट करते हैं ...कहते हैं उसके जैसा कोई नहीं और ये कहकर अनन्या मुस्कुरा दी ..".निकिता ने गौर से देखा उसकी मुस्कान निश्छल और मासूम थी .. अब कमरे के दूसरे छोर पर हलकी पीली टी शर्ट पहने अमन को अपलक अपनी तरफ देखता पाकर निकिता मुस्कुरा दी ...अमन की पलकें नम थीं और अब वही नमी आहिस्ता से निकिता की आँखों में सरक आई ...निकिता ने अनायास ही अनन्या की गोद से उसकी बेटी को लेकर उसका माथा प्यार से चूम लिया |


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