शिखा का अनमना सफ़र
शिखा का अनमना सफ़र
यौवन के पहले पायदान पर खड़ी पहले प्यार के सपने को आँखों में भरकर रात तीन बजे एक असमंजस लिए शिखा भाग निकली घर से। खुद अहमदाबाद की है और लखनऊ के किसी समीर नाम के लड़के से महज़ चार महीने पहले फेसबुक पर जान पहचान हुई थी, बीस साल की कच्ची उम्र में जिसे प्यार के मायने भी मालूम नहीं वो फेसबुक पर बँधे रिश्ते को अंजाम देने आगे पीछे का कुछ भी सोचे बिना निकल पड़ी थी एक ऐसे सफ़र पर जिसकी मंज़िल तक शिखा को मालूम नहीं। रेल्वे स्टेशन पर ट्रेन का इंतज़ार करते घबराई सकुचाई शिखा दुपट्टे से मुँह छुपाए बैठी थी की कहीं कोई देख ना ले। पर दूसरी बेंच पर पास में बैठे एक बुज़ुर्ग दिखने वाले पति-पत्नी ने शिखा के डरे हुए हक्के-बक्के से बर्ताव को भाँप लिया था शायद। दोनों ने आँखों ही आँखों में बात की, इतने में ट्रेन आ गई। सब अपनी- अपनी सीट पर बैठ गए। शिखा की सीट भी उन पति-पत्नी के बाजु वाली ही थी। ट्रेन चल पड़ी शिखा बार-बार किसीको मोबाइल से फोन लगा रही थी, पर शायद सामने वाला उठा नहीं रहा था तो रूआँसी सी चुपचाप आँखें बंद करके कुछ सोच ने लगी। साथ वाले दंपति में महिला जो थी वो समझ गई की शिखा घर से भाग निकली है और जिसके पास जाने के लिए निकली वो फोन नहीं उठा रहा। उस महिला ने अपने पति को संबोधित करते एक झूठी कहानी बनाते कहा सुनिए आपको याद है हमारे पडोस में वो वर्मा जी रहते है, कुछ दिन पहले उनकी लड़की प्रिया को फेसबुक पर किसीसे प्यार हो गया था, और घर से भागी थी उस लड़के से शादी करने के लिए। उस लड़के ने शादी तो नहीं की प्रिया से पर एक अन्जानी जगह पर रखकर दो महीने तक शारीरिक शोषण किया और मुंबई ले जाकर किसी कोठे वाले दलाल को बेच दिया। पता नहीं आजकल की लड़कीयों को क्या हो जाता है। ये सुनकर शिखा सोच में पड़ गई, फिर शिखा की और देखते उस महिला ने पूछा "बेटी कहाँ जा रही हो ? तुम्हारे साथ कोई और नहीं?" शिखा को एक पल गुस्सा आया इनको इतनी पंचात क्या है, पर सिर्फ़ ना में सर हिलाया।
इधर शिखा के मम्मी-पापा छह बजे उठते ही शिखा को घर में ना देखकर बौखला गए। हर जगह फोन किए सगे संबंधियों और दोस्तों को पर कहीं से शिखा के बारे में कुछ पता नहीं चला। शिखा की मम्मी की तो हालत खराब हो गई जवान खूबसूरत लड़की कहीं कोई उल्टा सीधा कदम तो नहीं उठा लिया होगा।
इधर शिखा के पास बैठी औरत ने शिखा को इतना ही कहा "बेटी तुम्हारी घबराहट से लगता है कि तुम घर से भाग कर किसीसे मिलने जा रही हो।" शिखा चुप रही तो उस महिला को यकीन हो गया और आगे बढ़ते बोली, "एक बात बताओ बेटी तुम्हारे माँ-पापा तुमसे प्यार नहीं करते क्या ? या लगता है तुम उसे प्यारी नहीं, या तो तुम उनसे नफ़रत करती हो। "
"सुनो बेटी अगर शोश्यल मिडिया पर किसी अजनबी से बिना देखे, बिना जाने पहचाने प्यार हुआ है तो तुम एक बहुत बड़ी गलती करने जा रही हो। क्या पता जो शख़्स ने तुम्हें जहाँ बुलाया है वो वहाँ पर तुम्हारे साथ क्या करेगा। कोई सच्चा प्यार करने वाला लड़की को यूँ अकेले नहीं बुलाता वो खुद क्यूँ नहीं आया तुम्हें लेने? ऐसे भागने वाली लड़कीयों के कुछ किस्से सुनाएँ और कहा अभी तुम बीच रास्ते में हो उस दलदल तक पहुँची नहीं अब भी वक्त है सोच लो एक बार अपने माँ- बाप के बारे में और अपनी आने वाली ज़िंदगी के बारे में।"
शिखा की आँखों के सामने उसके प्यारे पापा का चेहरा तैरने लगा जिनकी वो जान थी। और माँ याद आते ही शिखा रुआँसी हो उठी बचपन से लेकर कल रात तक माँ-बाप ने दिये लाड़ प्यार याद आने लगे तो शिखा के रौंगटे खड़े हो गए ये सोचकर की क्या बीतेगी उन पर ये जानकर की मैं घर से भाग गई हूँ जिन्होंने मुझे जन्म दिया लाड़ से पाल पोष कर पढ़ा लिखा कर काबिल बनाया आज उन्हींको ज़लिल करने चली हूँ।पास बैठी आन्टी ने शिखा की सोच बदल दी। सच में वो कहाँ इतना कुछ जानती थी समीर के बारे में। महज़ चार महीने के रिश्ते के लिए बीस साल के रिश्ते को ठोकर मारकर ज़माने भर में ज़लिल करने चली थी। और शिखा थैंक्स आन्टी बोलकर अगले स्टेशन पर उतर गई, और टैक्सी लेकर घर के लिए निकल गई।
शिखा के पापा पुलिस स्टेशन जा ही रहे थे रिपोर्ट लिखवाने की शिखा ने घर में कदम रखा शिखा को देखते ही घर वालों की जान में जान आई। शिखा की मम्मी ने पूछा "कहाँ चली गई थी बिना बताएँ बेटा हमारी तो जान निकल गई थी।" शिखा ने सब सच-सच बताकर माफ़ी मांगी ओर मम्मी-पापा से लिपटकर रोने लगी।
पर आख़िर माँ-बाप तो माँ-बाप होते है शिखा के पापा ने कहा कोई बात नहीं बेटी सुबह का भूला शाम को घर लौटे तो उसे भूला नहीं कहते। अब आगे से एसी कोई भूल मत करना हर बार समझाने के लिए उस महान औरत जैसी कोई आन्टी नहीं मिलती। शिखा एक अनमने,अन्जाने सफ़र पर निकली थी पर वो ज़िंदगी का एक सुनहरा सबक लेकर लौटी थी।