सही रास्ता
सही रास्ता
आज सुबह जब मैं काम पर जा रहा था तभी रास्ते में पास से गुजरते हुए ट्रक के पीछे लिखी इबारत ने बरबस मुझे अपनी ओर खींच लिया।"लिखा था आप शराब नहीं पीते हैं तो भाग्यशाली हैं, आपकी उम्र लंबी है।"
इस पंक्ति के ठीक नीचे लिखा था "आप शराब नहीं पीते बल्कि शराब आपको पी जाती है"।
वैसे जीवन में कई दफे खुशी के मौके पर बियर या शराब कम मात्रा में पी है! "लेकिन इस तरह नहीं कि रोज पीना मजबूरी हो।"कई तरह के शोध से यह पता चला है, कि अकेले भारत में ही प्रति वर्ष शराब पीने से हजारों या इससे भी अधिक लोग मर जाते हैं।फिर ये सोचिए कि दुनिया भर में कितने लोग मरते होंगे।
मुझे यह अहसास तब हुआ जब मेरे पड़ोस में एक व्यक्ति शराब अधिक मात्रा में पीने कि वजह से मर गया। लोग कितनी बड़ी बेबकूफी करते हैं,जो शराब पीकर तिल तिल मरने को विवश हो जाते हैं।
मेरे एक मित्र लाख मना करने के बाबजूद भी शराब पीने की लत की वज़ह से इस दुनिया से कम उम्र में ही रुखसत हो गए।साल दो हजार चार में वह मुझे फुटपाथ पर मिले थे, और मानवीय दृष्टिकोण से सहायता करते हुए उन्हें अपने साथ अपनी ही कम्पनी में काम पर लगवाया था।दस साल की गहरी मित्रता एक क्षण में समाप्त, शराब ने उन्हें अपने आगोश में ले लिया।उम्र भी क्या थी बत्तीस वर्ष एक बेटे और पत्नी को अकेले छोड़ गए दुनिया के भरोसे.ऐसे माहौल में जहां अपने ही लोग विपत्ति में साथ नहीं देते।'वो तो भला हो उस इंसान का जो उनके पत्नी और बच्चों को उनके जाने के बाद भी भाई बनकर सहारा दिया और अब भी दे रहे हैं।
मित्रों , शराब की लत से आजादी संभव है ,हिम्मत तो कीजिए आपकी जिंदगी खुशहाल हो जाएगी।बस एक काम कीजिए ,यदि आप एक बोतल शराब रोज पीते हैं तो, आज से ही शुरूआत किजिए पहले दिन से ही आधा किजिए! फिर अगले सप्ताह उससे आधा; फिर उससे अगले सप्ताह उससे आधा। "लेकिन यह ध्यान रहे, कि पुनः कम पीने के बाद अपने मन पर काबू रखें और अधिक न पीएं।दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं जो मनुष्य नहीं कर सकता।
कहते हैं कि कम खाइए गम खाइए। इसका मतलब ये कतई नहीं कि आप भूखे रहें और बुरा होने पर भी पलट कर जबाव न दें, बल्कि यह कि हिसाब से चलने वाला आदमी सही गंतव्य तक शीघ्र पहुंच जाता है, और जल्दी करने वाला देर से। इस लिए सही रास्ता चुनें और दीर्घ जीवी रहें। अब आप कहेंगे कि निदान तो आपने दिया नहीं तो एक प्रेरक कथा पढ़िए .एक बार की बात है एक व्यक्ति एक साधु के पास गया और बोला मैं शराब छोड़ना चहता हूं लेकिन छूटती नहीं है। तो साधु बाबा बोले कल आना तबतक मैं कुछ सोचता हूं। जब वह आदमी अगले दिन साधु बाबा के पास पहुंचा तो देखा बाबा अपने घर में एक खंभा पकड़े हुए हैं। वह आदमी बोला बाबा मैं आ गया हूं अब उपाय बताइए तब बाबा ने कहा कि ये खंभा मुझे छोड़े तब न। तब उस व्यक्ति ने कहा कि बाबा खंभे को आप पकड़े हुए हैं छोड़िए उसे। तब बाबा ने कहा कि शराब को तुम्हीं पकड़े हो तुम भी छोड़ो.उसे एकदम से यह बात उसके दिल में लगी और उसके बाद सचमुच उसकी दुनिया बदल गई।