शिद्दति ख़्वाब
शिद्दति ख़्वाब
जब अपनी औकात ज़मीन पर रेंगने वाले कीड़े की हो, तो ख़्वाबों की उड़ान हमेशा आसमान की ऊंचाइयों को छूनी चाहिए।
क्योंकि,
ज़िन्दगी के जख़्म से मिले दर्द फिर शिद्दत बनकर आपके ख़्वाबों को सच करने में जुट जाती है।
माना की औरों के ख़्वाबों में भी शिद्दत और जज़्बात होती होगी पर उनके मुकाबले, हमारे ख़्वाबों को पाने की भूख की कोई तुलना नहीं हो सकती।
क्योंकि,
ग़रीबी के आलम में बिताए लम्हों की शिद्दत और ज़िन्दगी के जख़्म से मिले दर्द भरे ज़ज़्बात की तुलना शायद ख़ुदा भी ना कर पाए।
शायद इसलिए बहुत से कलाकार ऐसे हैं जो कभी ग़रीबी और बेबसी के आलम में रेंगा करते थे पर आज उनसे बड़ा उड़ान शायद ही कोई भरता हो।