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Amitosh Sharma

Others

4.0  

Amitosh Sharma

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शादी

शादी

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5 साल की उम्र में पहली बार इस शब्द को सुना तो अजीब लगा पसंद नहीं आया।


15 की उम्र में एक बाबा ने हाथ देखकर घर वालों के सामने बॉम्ब फोड़ा की इसकी शादी कर दीजीए वरना बर्बाद हो जाएगा तभी से इस शब्द से नफ़रत हो गई।


आज 25 का हूं समाज को और खुद को अच्छे से समझने लगा हुं तो इस शब्द से नफ़रत नहीं घिन्न हो गई है।


क्योंकि बचपन से ही शादी मतलब समाज ने बन्धन और जकड़न का ही संदेश सिखाया है, 

ऐसा नहीं है मुझे शादी शब्द से नफ़रत है, मुझे बस इस छक्के समाज के द्वारा बनाए शादी के चोंचलेबाजी से घिन्न है।

क्योंकि मैंने शादी का जो वैदिक मतलब जाना है वो बंधन नहीं, आज़ादी, खुलापन सिखाता है अब इतने पवित्र शब्द को मैं अपने होश में तो बदनाम नहीं कर सकता क्योंकि वो खुद को धोखा देने जैसे होगा और राम खुद को धोखा देकर कैसे जी सकता है।।


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