सेल्समैनशिप
सेल्समैनशिप
सेल्समैनशिप
एक बार एक दुकानदार को एक सेल्समैन की जरूरत पड़ी । उसने अखबार में एक विज्ञापन दिया । उस विज्ञापन को पढ़कर पप्पू ने भी नौकरी के लिए आवेदन कर दिया ।
पप्पू को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया। पप्पू की अंग्रेजी अच्छी नहीं थी इसलिए दुकानदार ने उसे रिजेक्ट कर दिया ।
पप्पू उदास होकर बोला
"सर, आपको अंग्रेजी से क्या लेना देना है ? आपको तो सेल्समैनशिप से मतलब है । माना कि मुझे अंग्रेजी बहुत अच्छी नहीं आती है मगर मैं सात दिन में आपकी बिक्री दुगनी कर सकता हूं । यदि मैं ऐसा नहीं कर पाया तो आप मुझे तनख्वाह मत देना।"
पप्पू का आत्मविश्वास देखकर दुकानदार दंग रह गया । उसने जोखिम लेकर पप्पू को दुकान पर रख लिया और उसे सारा काम समझा दिया ।
पप्पू के आते ही दुकान की बिक्री बेतहाशा बढ़ने लगी । एक सप्ताह में ही बिक्री बढ़कर तिगुनी हो गई। यह देखकर दुकानदार बहुत प्रसन्न हुआ । उसने जानना चाहा कि पप्पू ने ऐसा क्या जादू किया है जिससे बिक्री इतनी बढ़ गई है ।
वह एक दिन वेश बदलकर एक ग्राहक बनकर अपनी ही दुकान पर आया । उस समय पप्पू एक ग्राहक को मछली पकड़ने वाला कांटा बेच रहा था ।
ग्राहक : ये कांटा कितने का है ?
पप्पू : 800₹ का
ग्राहक जेब से 800₹ निकालने लगता है कि तभी पप्पू कहता है
"सर! आपके जूते तो वुडलैंड के लग रहे हैं । यदि इन्हें पहनकर आप मछली पकड़ने जाएंगे तो आपके जूते खराब हो जाएंगे । मेरी सलाह है कि आप एक जोड़ी सस्ते वाले जूते खरीद लें जिससे आपके वुडलैंड के जूते सही सलामत रहें।"
ग्राहक को पप्पू का सुझाव पसन्द आ गया और उसने एक जोड़ी जूते ले लिए ।
"पप्पू : सर आप मछली पकड़ने के लिए धूप में बैठेंगे या छाया में?"
ग्राहक हंसा : लगता है तुमने कभी मछलियां पकड़ी नहीं है ! तालाब किसी शेड के नीचे नहीं होते हैं।"
पप्पू : एक्जेक्टली ! मैं भी यही कहना चाह रहा था कि मछली पकड़ने में घंटा दो घंटा लग जाएगा इसलिए आप एक छाता जरूर रखिए अपने साथ । लीजिए, ये छाता भी खरीद लीजिए।"
ग्राहक : ओ के, गुड !
पप्पू : सर, दो घंटे में तो आपको भूख भी लगेगी और प्यास भी ! आप ये बिस्किट्स, नमकीन, चिप्स, मठरी, वाटर बॉटल, ड्रिंक्स वगैरह भी ले लीजिए। मछली पकड़ने में मजा आ जाएगा।
ग्राहक : शुक्रिया भैया ! अच्छा याद दिलाया।
पप्पू : और हां सर ! सन ग्लासेज लेना मत भूलियेगा।
दुकानदार ये सब देख रहा था । उसे पप्पू की सेल्समैनशिप पर फख्र होने लगा । उस ग्राहक का बिल बना 5205₹ । मछली पकड़ने के कांटे की कीमत 800₹ के बदले में उसने उसे 5205₹ का सामान बेच दिया । वाकई, गजब की कला है इसमें ।
जब वह ग्राहक चला गया तब दुकानदार असली वेश में आ गया । पप्पू उसे पहचान कर बोला "अरे सर आप ! आप यहां क्या कर रहे हैं?"
"मैं तेरी कलाकारी के दर्शन कर रहा था । गजब का कलाकार हैं तू तो ! एक मछली पकड़ने का कांटा खरीदने वाले व्यक्ति को तूने इतना सारा सामान बेच दिया । गजब की कला है तुझमें।" दुकानदार आश्चर्य से बोला
पप्पू : मछली पकड़ने का कांटा ? नहीं, वह मछली पकड़ने का कांटा खरीदने नहीं आया था !
अब दुकानदार चौंका : क्या ? क्या वह व्यक्ति मछली पकड़ने का कांटा खरीदने नहीं आया था ?" उसने हैरानी से पूछा ।
पप्पू : नहीं, बिल्कुल नहीं । वह तो "व्हिस्पर" खरीदने आया था ।
"क्या ?" दुकानदार फिर से चौंका । "फिर तुमने उसे मछली पकड़ने का कांटा कैसे बेच दिया?"
पप्पू : सो सिम्पल सर ! मैंने उससे कहा कि जब व्हिस्पर वाला समय आए तो मर्दों को अपनी हॉबी फुल फिल कर लेनी चाहिए और मछली पकड़ने से बढ़िया और कोई हॉबी नहीं है । बस, उसने मेरी बात मानकर मछली पकड़ने का कांटा खरीद लिया।
दुकानदार ने पप्पू की तनख्वाह दुगनी कर दी ।
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