सच्चा प्यार #lovelanguage
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मैं जो कहानी आपको बताने जा रही हूँ वो एक किसान की बेटी और एक अमीर घर के लड़के की प्रेम कहानी है जिसमें लड़के का नाम शिवम् है जो की बेंगलुरु के एक समृद्ध परिवार का लड़का है। और वहीं एक बार शिवम् की नजर एक लड़की पर पड़ती है जो कि दिखने में बेहद ही खूबसूरत और सरल स्वभाव की थी और उसे देखते ही शिवम् को उसी पल उससे प्यार हो गया और जब शिवम् ने उस लड़की के बारे में जानकरी हासिल की तब उसे पता चला कि वो एक किसान की बेटी है।
एक दिन शिवम् ने खुद उस लड़की के पास जाकर अपने प्यार का इजहार कर दिया पर लड़की ने उसे साफ साफ इंकार कर दिया। जिसके बाद शिवम् ने हार नहीं मानी और वो खुद लड़की के घर गया और उसके पिता से उसका हाथ मांगने के लिए। लड़की के पिता ने भी देखा कि लड़का सम्पन्न परिवार से है और वो उनकी बेटी से बेहद प्यार भी करता है, इस वजह से उन्होंने इस रिश्ते के लिए हाँ कर दिया और दोनों की शादी धूमधाम से सम्पन्न हो गयी।
शादी के बाद शिवम अपनी पत्नी के साथ बहुत ही ख़ुशी से अपनी जिंदगी बिताने लगा और कुछ साल बीत गये। तभी एक बार शिवम् की पत्नी को त्वचा रोग हो गया और शिवम् ने उसका बहुत इलाज कराया पर वो ठीक न हो पाई और धीरे धीरे लड़की की खूबसूरती भी कम होने लगी और वो काफी ज्यादा बीमार रहने लगी।
इसके साथ ही उसे सबसे ज्यादा चिंता इस बात सताने लगी कि यदि वो बदसूरत हो गयी तब उसका पति उसे छोड़ न दे क्योंकि उसे ऐसा लगता था कि शिवम् ने उसकी खूबसूरती से ही प्यार किया था जो की अब धीरे धीरे खत्म होती जा रही थी। इस चिंता में शिवम् की पत्नी और भी ज्यादा बीमार रहने लगी।
एक बार ऑफिस से घर आते वक्त शिवम् का एक्सीडेंट हो गया और इस एक्सीडेंट में शिवम् ने अपने आँखों की रौशनी भी खो दी और जब शिवम् की पत्नी को ये सब पता चला तो वो बहुत दुखी हुई और अपने पति की सेवा में जी जान से लग गयी। अब उसके मन से ये डर भी दूर हो चूका था कि उसका पति यदि उसका बदसूरत चेहरा देखेगा तो उसे छोड़ देगा और अब दोनों एक दूसरे के साथ ख़ुशी से जीने लगे पर कुछ समय के बाद ही शिवम की पत्नी की तबियत काफी ज्यादा बिगड़ गयी और वो कुछ समय बाद इस दुनिया को अलविदा कह गयी और उसके जाने के बाद शिवम पूरी तरह से टूट गया और वो अपना घर छोड़कर जाने लगा।
जब वो घर छोड़कर जा रहा था तभी उसके पड़ोस में रहने वाले एक आदमी ने उससे पूछा, "भाई तुम्हारी पत्नी अब इस दुनिया में नहीं है और तुम नेत्रहीन हो ऐसे में तुम कहाँ जाओगे कौन तुम्हारा ख्याल रखेगा?" तब शिवम ने जो बात कही वो जानकार पड़ोसी की आँखें भर आई।
शिवम ने बताया कि मैं तो कभी अँधा था ही नहीं, बल्कि मैंने तो सिर्फ अँधा होने का नाटक किया था ताकि मेरी पत्नी के मन से ये डर निकल जाये कि उसके बदसूरत चेहरे की वजह से मैं उसे छोड़ न दूँ। और वो बिना किसी झिझक के मेरे साथ ख़ुशी से अपनी जिंदगी बिता सके।
पर आज वो मेरे साथ नहीं है और मैं उसकी यादों के सहारे ही अपना जीवन गुजार लूँगा। इस तरह से शिवम् ने ये साबित कर दिया कि सच्चा प्यार सच्चे दिल से किया जाता है न की रंग रूप और सुन्दरता से, और सच्चे प्यार में जितनी ताकत होती है उतनी किसी और में नहीं होती है।