Hetshri Keyur

Romance Tragedy Inspirational

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Hetshri Keyur

Romance Tragedy Inspirational

सच्चा प्यार

सच्चा प्यार

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"नियति ! ओ नियति !"अरे कब से बुला रहा हूं तुझे क्या कर रही है ऊपर के कमरे मै!इतनी देर से !आजा ना नीचे चल हम लोग मूवी देखते है सुशांत अपनी बीवी को बहोत प्यार करता था ओर उसे एकदम प्यार से रखता था,नियति ओर सुशांत की शादी को ६ हुए थे,दोनों एक दूसरे को सच्चा प्यार करते थे।

दोनो की लव मैरिज हुई थी,अपने दोनो बच्चो के साथ खुशी खुशी अपना जीवन बिता रहे थे,पर नियति थोड़े दिनों से फोन पर लगी रहती थी, ओर ज्यादातर ऊपर के रूम में रहेती थी।

 सुशांत ने यह बात पर ध्यान दिया था सोचा आज नियति को पूछूंगा,रात को बच्चो को सुला कर रोज़ की तरह दोनों अपने आंगन में बैठे थे, तभी सुशांत बोला," कुछ कहना है तुझे?"नियति सोच मैं डूब गई, की सुशांत को शक हो गया है क्या।

पर वोह चुप रही कुछ बोली नहीं, "अरे बोल ना मेरे से क्या छुपाना।" कहकर प्यार से उसका हाथ थामते सुशांत बोला,नियति ! कुछ तकलीफ़ है क्या?मुझे नहीं बताएगी?कहकर सुशांत ने उसे प्यार से पूछा।

 नियति वहां से उठकर रूम मैं चली गई,पर सुशांत के मन में काफी सवाल उठ रहे थे जिसकी बजह से वोह अभी तो चैन से सो भी नहीं पाता था।

एक महीना होने को आया सुशांत ने आज नक्की कर लिया था कि नियति के दिलो दिमाग में क्या चल रहा है वोह यह बात जान कर रहेगा।

 नियति! तुझे मेरी कसम मुझे बता तो!क्या बात है!ओर नियति सुशांत के सामने देखकर उसे हाथ जोड़ कर बिनती करने लगी सुशांत!आप अपनी कसम वापस लीजिए, क्यों मुझे मजबूर कर रहे है आप!कहकर रोने लगी।

नहीं वापस लूंगा कसम बता मुझे, सुशांत जिद से बोला, ठीक है मै बताती हूं आपको कहकर नियति उसके पति के पास बैठी।

सुशांत आपके मित्र है ना वोह श्रीमान सुशांत? आपके ही नाम के है ?उसका मुझे थोड़े महीनों पहले msg आया था दश बुक पर, मेरे प्रोफाइल पिक पर उन्होंने कहा nice pic, मैंने उनको थैंक्स कहा,बाद मै हम बाते करने लगे,ओर कब मुझे उनसेे आपके जितना ही सच्चा प्यार हो गया मुझे पता ही नहीं चला!सुशांत हल्का बक्का रह गया चौक कर बोल उठा!प्यार?मेरे जितना मतलब?तू उस सुशांत से मुजसे करती है उतना ही प्यार करती है यह कह रही है तू। आपके जितना प्यार हो गया पता ही नहीं चला! 

सुशांत थोड़ा गुस्से में थोड़ा गम मै आकर बोला, अरे नियति ऐसा कैसे हो सकता है।तू ही बता एक साथ दो इन्सान को सच्चा प्यार कैसे कोई कर सकता है तू ही बता!? नियति रोने लगी सुशांत सच है मै आपको ओर उसे दोनो मै से किसी को भी खोना नहीं चाहती,आप मुझे माफ़ करदो मै आपको बोले बिना उनसे बात करती थी,पर में आपसे ओर उनसे दोनो से सच्चा प्यार करती हूं! 

 सुशांत दुखी भी था ओर गुसे मै भी पर उसे उससे भी ज़्यादा नियति पर दया आ रही थी कि दो इन्सान को वोह सच्चा प्यार करती थी उसकी हालत कोई नहीं जान सकता था,यह सुशांत अच्छे तरीके से जान गया क्यों की सुशांत नियति को सच्चा प्यार करता था ओर नियति की आंखो में उसे सच्चाई दिख रही थी।

देख नियति मै कुछ नहीं बोलूंगा तुझे उससे शादी करनी हो तो तु खुशी खुशी कर सकती है मै दोनो बच्चो को संभाल लूंगा, उसने भारी मन से कहा।

नहीं मै आपको छोड़ नहीं सकती मै आपसे सच्चा प्यार करती हूं समझें आप!उसने भी मुझे कहा कि वोह मुझसे शादी करेगा वोह किसी भी वक्त तैयार है पर मैंने उसको माना किया कि मै आप दोनों के बिना नहीं रह सकती।कहकर नियति रोने लगी, ओर बोली मेरी तकलीफ़ ऊपर वाला ही जानता है मै क्या करू कहकर खूब रोने लगी l

सुशांत ने उसे उठाया और अपने पास बिठा कर बोला देख नियति मुझे तुजपर भरोसा है उसके पास पैसे है मेरे जैसे कई वोह खरीद सकता है पर तू मुझे छोड़ना नहीं चाहती क्योंकि तू मूजसे सच्चा प्यार करती है, ओर मै अपने दोस्त को पहेचानता हू उसका स्वभाव बहोट खराब है पर तू उसे छोड़ना नहीं चाहती क्यों कि तू उससे सच्चा प्यार करती है!

सुशांत तेरा शुक्रिया तू मुजपे भरोसा रखता है,में cerector की बुरी नहीं हूं,नहीं मै आपको या उनको जूठ बोल रही हूं,मै आप दोनों को कहती हूं कि मै दोनो से सच्चा प्यार करती हूं एक जैसा तो यह सच है सुशांत!मै नहीं उनको नहीं आपको दोनो मेसे किसी को भी जूठ नहीं बोल रही।

 कहकर खूब रोने लगी,अरे कोई बात नहीं इतना रो मत पगली मै तुमसे अपनी जान से ज़्यादा मोहबत करता हूं ओर भरोसा भी,तू आज़ाद है छिपकर तुझे उससे बातें करने की ज़रूरत नहीं मेरे सामने तू उससे बाते कर सकती है!

कहकर सुशांत ने नियति के आसू पोछे ओर हाथ मै से उसका मोबाइल लिया और कहा चल लगा फोन उसे बात कर मै भी उससे बात करू मेरा दोस्त है क्या कर रहा है पुछु!

 देख नियति,पति पत्नी का रिश्ता विश्वास पर टिका होता है तू यही बात पहले बता देती तो नहीं मुझे नहीं तुझे इतनी तकलीफ़ होती सही बात ना!कहकर अपनी पत्नी को प्यार से देखता है।

सच्चा प्यार ज़रूरत नहीं की एक से हिहो दो इन्सान से एक जैसा सच्चा प्यार १०००००में से १ इन्सान को हो सकता है ।

पति पत्नी के रिश्ते मै विश्वास होना ज़रूरी है उसके साथ एक दूसरे का विश्वास कायम रहे वोह भी ज़रूरी है, ओर हा नियति को सच्चा प्यार दो इन्सान से हुआ लेकिन अगर आपके कदम लड़खड़ाए ओर किसी से आप बाते करने लगे सच्चा प्यार नहीं तो वोह गलत बात है।ओर अपने पति या पत्नी को आपके बारे मैं सब बाते मालूम होनी चाहिए। एक दूसरे से कभी कुछ छुपाना नहीं चाहिए।


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