Hetshri Keyur

Tragedy Crime Inspirational

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Hetshri Keyur

Tragedy Crime Inspirational

मेरा भाई

मेरा भाई

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" तू कब तक पोहचेगी ? जल्दी कर पार्टी के लिए लेट हो रहाँ है, टीना तू सुन रही है ना ?"

"हाँ मैं सुन रही हूं, पर मुझे आने मैं देर लगेगी तुम लोग निकलो मैं सीधा पहुँच जाऊंगी"

कहकर टीना ने फोन रख दिया,

फोन रखते ही उसकी सहेलियों की बातचीत,

" यार ये टीना भी न !

"क्यों क्या हुआ, सीमा तू इतनी गुस्से मैं क्यों है क्या कहाँ टीना ने ?"

"क्या कहेगी हर बार का एक ही उसका ड्रामा, ओर क्या !"

"हाँ हाँ हाँ ......." सब हसने लगी 

दूसरी तरफ टीना का घर,

"टीना, चल खाना लगा दिया है नीचे आजा बेटे !

तुझे बाहर नहीं जाना ? तेरी सहेली के यहां पार्टी मैं ? जल्दी कर बेटी।"

"भाई आ गया ? " सीढ़ियां उतरते टीना ने अपनी मां से पूछा,

"अभी आजाएगा तू चल पहले खाना ख ले, तब तक वोह आ जाएगा।"

दो घंटे बीते टीना का भाई तुषार नहीं आता है,

फोन पर टीना अपनी सहेली से,

"सुन मैं नहीं आ रही तुम लोग एन्जॉय करना" कहकर फोन रख दिया टीना ने।

टीना एक डरी हुई सहमी सी लड़की थी, वो इतना डर महसूस करती थी कि उसके भाई के बिना अकेले वोह घर से बाहर पैर तक नहीं रखती थी, उसका भाई उसके लिए खास था उसपर उसे भरोसा था पर वोह अकेले कभिभी कही पर भी जाती नहीं थी, उसकी सहेलियों को भी यह बात पता थी, घर वालो को भी पता था कि टीना भाई के बिना कहीं नहीं जाती थी, क्योंकि जो वक्त चल रहाँ था वोह इतना भयानक था कि कोई भी लड़की सुरक्षित नहीं थी किसिभी लड़की के साथ कुछ भी हो जाता था।

दो दिन बाद

टीना की सहेली का फोन आते,

"आंटी जी ! टीना नहीं है ना घर पर ? हमे आपसे काम है हम घर आ सकते है क्या ?"

"अरे आ जाओ टीना बाहर गई है अपने भाई के साथ मोस्ट वैलकम बेटा ! "

थोडी देर मैं उसकी दो चार सहेलियां आती है,

उन लोगो कि टीना की माता के साथ बातचीत 

"देखो आंटी हमे कहने मैं बहुत अजीब लग रहाँ है पर आपको एक सवाल पूछे ? टीना अकेली क्यों कभी बाहर नहीं जाती ? हम तो जाते है उसे क्या दिक्कत है ? "

"बेटा फिलहाल जो सब चल रहाँ है उस माहौल मैं उसे डर लगता है वोह सुरक्षित महसूस नहीं कर रही उसकी जगह वोह सही है लेकिन मैंने ओर उसके पापा ने उसे समजाने की बहुत कोशिश की की तुम थोड़ी हिम्मत वाली बनो कुछ नहीं होगा हम तुम्हार मा बाप है तुम्हारे साथ कुछ गलत होगा ऐसा थोड़ी हम चाहेंगे ?पर वोह समजने को तैयार ही नहीं ! "

"देखिए आंटी जि अगर आप साथदे तो हम टीना के जैसी कई लड़कियां को हिम्मत बढ़ जाए वैसा कर सकते है पूरे हमारे शहेर मैं जो लड़कियों के साथ गलत हो रहाँ है उसे हम काम या उसका नामोनिशान मिटा सकते है, देखिए हम क्यों नहीं डरते पता है ?हम जिन लड़के खराब नियत वाले दिखे जो भी लड़का हमारे सामने बुरी नजर से देखे हम उसके पास जाकर उसे कहते है मेरा भाई आज मेरे साथ नहीं आ पाया क्या तुम मेरे साथ मेरी कॉलेज तक चलोगे भैया ? वोह क्या है ना हमे कोई परेशान करे तो तुम हमारे सठहोगे न तो कोई हमारी तरफ बुरी नजर से देखेगा भी नहीं ऐसा कहते है और उसका रदय परिवर्तन हो जाता है।हम तो दो चार लड़की है अगर आप लोग आपके परिवार वालो मैं सबंधी मैं यह बात बताओ के ऐसे कई तरीके करके हम अपने मन से डर ओर असुरक्षित महसूस करते है अपने आपको वोह खत्म हो जाएगा ओर गुनाह कम या खत्म ही होजाएगा।

उसकी सहेली की बात टीना की मा के दिमाग मैं बैठ जाती है ओर वोह फौरन अपने रिश्तेदारों और पहेचान के लोगो को इक्कठे करती है ओर मिशन बनाते है सब मिलकर ओर थोड़े ही समय मैं सब लड़कियां आराम से सहर मैं घूम सकती है, सब के मन मैं से डर ओर असुरक्षितता का महाँ राक्षस निकल जाता है, खुद टीना भी अपने भाई के सहारे के बिना बाजार हो या कॉलेज जाना चालू कर देती है।


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