सबको एक ही तराजू में क्यों तोलना ?
सबको एक ही तराजू में क्यों तोलना ?
"अरे ,नीति कितनी मोटी होती जा रही है। मोटी लड़की की शादी में बहुत दिक्कत होती है। इसके खाने -पीने पर थोड़ा ध्यान दे। ",21वर्षीय नीति की नानी उसकी मम्मी सुषमा से कह रही थी।
नीति अपने आप से प्यार करने वाली खुशमिजाज लड़की थी। वह जैसी थी ,वैसे ही बहुत खुश थी। उसे अपनी शारीरिक बनावट से कोई शिकायत नहीं थी। वह फिट और स्वस्थ रहने के लिए नियमित रूप से योग ,व्यायाम आदि करती थी। लेकिन पिछले कुछ दिनों से उसके घर में आने वाले रिश्तेदार उसे या उसकी मम्मी को टोकते रहते थे।
नीति सोचती थी कि ," इस परफेक्ट फिगर की परिभाषा कहाँ से आयी ?क्या ऐसा भी कुछ होता है ? अगर वह फिट है तो बॉडी कैसी भी हो उससे क्या फर्क पड़ता है? "
रिश्तेदारों की बातों पर नीति ध्यान नहीं देती थी ;वह अपने में मस्त रहती थी ।लेकिन अब जब नीति की मम्मी सुषमा भी उसे टोकने लगी थी। कभी मम्मी कहती कि ," अरे ,आइसक्रीम मत खा ;मोटी हो जायेगी। " कभी कहती VLCC ज्वाइन कर ले।
मम्मी की ऐसी बातें सुनकर नीति खीझने लगी थी। "केवल शादी अच्छे से हो जाए ;इसलिए पतली हो ;यह उसे समझ नहीं आता था। क्या लड़की के जीवन का एकमात्र उद्देश्य शादी ही है ?" ,नीति कई बार अपनी मम्मी को बोलना चाहती थी।
"अगर मम्मी कहती कि हैल्थी डाइट लो ;उससे तुम्हारी हैल्थ अच्छी रहेगी ;फिट रहोगी तो दिमाग भी अच्छे से चलेगा। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ दिमाग रहता है ;तो उसे अच्छा लगता। लेकिन लोगों के बनाये हुए सुंदरता के मानदंडों के आधार पर उसका मूल्यांकन करना उसे जरा भी अच्छा नहीं लगता था। यह उसके आत्मसम्मान पर चोट थी। ",नीति ऐसा सोचती थी ;लेकिन मम्मी को बोल नहीं पाती थी।
आज पापा नीति के favourite समोसे छगन हलवाई से लाये थे। नीति तो देखते ही खुश हो गयी थी। अभी उसने आधा समोसा ही खाया था कि मम्मी कहने लगी कि ," बस कर ;ज्यादा खायेगी तो और मोटी हो जायेगी। "
"मम्मी ,मेरी शारीरिक बनावट ऐसी ही है। मैं कितना अनुशासित दिनचर्या का अनुसरण करती हूँ। नियमित रूप से योग करती हूँ। मुझे खुद को फिट रहना पसंद है। लेकिन आप यह जो बार -बार पतला होने को बोलती हो ;मेरी समझ से बाहर है। क्या अपने आपको चाक़ू से छिल लूँ। ",ऐसा कहते -कहते नीति की आँख से दो आँसू लुढ़क गए थे।
"अरे ;क्यों सारा दिन इसके पीछे पड़ी रहती हो ?",नीति के पापा ने उसकी मम्मी से कहा।
"इसके भले के लिए ही बोलती हूँ। आजकल के लड़कों को मोटी लड़कियाँ पसंद नहीं होती हैं। ",सुषमाजी ने कहा।
"मम्मी बस करो। लड़कों को पसंद नहीं होती है। जो लड़का केवल मेरी शारीरिक बनावट के आधार पर मुझसे शादी करने का निर्णय ले ;उससे शादी ही नहीं करनी। ऐसे लड़के का प्यार तो, अगर मैं शादी के बाद मोटी हो गयी तो कम हो जायेगा। " ,नीति ने कहा .
"बेटा ,ये बातें केवल किताबों में अच्छी लगती हैं .अच्छे लड़के हमेशा शादी के लिए सुन्दर लड़की चाहते हैं .पतला होना ,सुंदरता का एक मानक है .",सुषमाजी ने कहा .
"मम्मी शादी ज़िन्दगी का हिस्सा मात्र है ;पूरी ज़िन्दगी नहीं .अगर नहीं हुई तो नहीं सही . सही लड़का मिलेगा तो कर लूंगी ;नहीं तो मैं तो अकेले भी खुश हूँ . " ,नीति ऐसा कहकर ,अपना समोसा हाथ में लिए हुए अपने कमरे में चली गयी थी।
सुषमा जी नीति को जाते हुए देख रही थी। तब ही नीति के पापा ने कहा कि ," बिलकुल सही कह रही है नीति।हम सभी को एक ही तराजू पर क्यों तोलते हैं ?सुंदरता के कोई मानदंड नहीं होते। सुंदरता देखने वाले के नज़रिये पर निर्भर करती है। अगर आपको गुलाब पसंद है और मुझे मोगरा पसंद है तो इसका मतलब यह नहीं है कि मोगरा ज्यादा सुन्दर है और गुलाब कम। यह सबका अपना -अपना नज़रिया और पसंद होती है.सबको एक ही तराजू में क्यों तोलना ? शादी ही जीवन का मुख्या उद्देश्य थोड़े न है ."
