Laxmi Yadav

Inspirational

3  

Laxmi Yadav

Inspirational

सार्थक जीवन

सार्थक जीवन

2 mins
144


बहुत पुरानी बात है। जब सृष्टि कर्ता धरा पर रात्रि के प्रकाश के लिए प्रकाश पुंज का विचार कर रहे थे उन्होंने सर्व प्रथम मोमबत्ती की रचना की। पर मोमबत्ती को अपने बनावट से परेशानी थी। वो सोचती ' एक तो मेरा शरीर कमजोर, थोड़ी भी उष्मा ज्यादा हो तो झेल नहीं पाता। दूसरी बात जलते ही पिघलना शुरू हो जाती हूँ।' यह सोच कर हमेशा दुःखी रहती और धरती पर जाने से डरती रही। अब सृष्टि कर्ता ने दीपक की रचना की। सोचा कि ' इसकी बनावट मजबूत है और यह पिघलता भी नहीं हैं।' पर दीपक तो यह सोचकर कुढ़ रहा था कि इस उधार के जीवन का क्या उपयोग? जब तक कोई तेल डालेगा नहीं तब तक जल ही नहीं पाऊँगा, आश्रित व अंधकार जीवन लेकर भला मैं क्या धरती का अंधेरा दूर करूँगा.... I सृष्टि कर्ता बहुत दुःखी व संतप्त होकर अंत में एक दुबली- पतली अगरबत्ती का निर्माण किये। अगरबत्ती अपने नये रँग- रूप पर फूला नहीं समा रही थी। उसने विनम्र हो अभिवादन किया और बोली " हे सृष्टि कर्ता, मेरा सृजन करने के लिए धन्यवाद। अब मैं धरा का कोई भी कोना तम में नहीं रहने दूँगी। यथा शक्ति अंधकार से लड़कर उजाला फैलाकर अपना जीवन सार्थक करूँगी।" सृष्टि कर्ता संतुष्ट हुए बोले " कल मैं तीनों को उनके स्वभाव अनुसार एक वर दूँगा और धरती पर अवतरित होना होगा।"

दूसरे दिन सभी जीव- जंतु - सजीव- निर्जीव का वर्गीकरण हो रहा था। अंत में सृष्टि कर्ता ने मोमबत्ती, दीपक व अगरबत्ती को बुलाया और अपना निर्णय सुनाया " मोमबत्ती तुम रोते हुए ही समाप्त हो जाओगी। तुम मानव के पास रहो ना रहो कोई फर्क नहीं पड़ेगा। दीपक, तुम जब तक जलोगे तब तक उपयोगी रहोगे , पर जिस तरह तुम स्वार्थी हो उसी प्रकार मानव भी तुम्हारे प्रति स्वार्थी रहेगा। अगरबत्ती , तुमने अपना सब कुछ भूलकर सिर्फ मानव हित की सोच रखी इसलिए तुम्हें वरदान देता हूँ, तुम हर समय सम्मान पाओगी। मनुष्य तुम्हें देवता के समक्ष स्थान देगा। हर घर में तुम्हारी सुगंध रहेगी। 



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational