जीवन की मुस्कान
जीवन की मुस्कान


मिली एक दुबली पतली लड़की थी। अपनी ही दुनिया में खोई रहती। पर उसकी एक आदत थी, वो दुःखी बहुत ही जल्दी हो जाती। कोई तारीफ करता तो खुश हो जाती। कोई बुराई करता तो जल्दी वो दुखी हो जाती थी l
वो सबकी मदद करती थी कोई उसे अच्छा कहता तो बहुत खुश हो जाती पर यदि कोई कुछ कहता ही नहीं तो उसे बहुत दुख होता फिर उसकी हँसी चली जाती थी l सभी लोग उसे बहुत समझाते कि हमें हर हाल में खुश रहना चाहिए l
एक दिन बहुत जोर की बरसात हो रही थी l मिली जल्दी जल्दी अपने घर आ रही थी l रास्ते में उसे एक कुत्ते का छोटा बच्चा कोने मे भीगता हुआ दिखाई दिया l वो जल्दी से उसे उठा लेती हैं और अपने साथ लेकर बारिश से बचाते हुए घर की ओर कदम बढ़ाने लगती है l रास्ते में आगे एक भि
खारी बाबा प्लास्टिक को लपेटे हुए दिखाई दिखाई देते है l वो इशारे से कुछ खाने को मांगते है l मिली को याद आता है कि उसके पास बचा हुआ सैंडविच है l वो तुरंत बूढ़े भिखारी बाबा को दे देती है l वो खुश होकर आशीर्वाद देते है l
घर आकर मिली कुत्ते को पोंछती है l उसे दूध पीने के लिए देती है वो पूंछ हिलाते हुए मिली के आगे पीछे घूमने लगता है l मिली को बहुत प्रसन्नता होती है l
अब वह समझ चुकी थी कि असली खुशी अपने मन की खुशी है l किसी के ऊपर हमारी खुशी निर्भर नहीं करती l
वो अब रोज बूढ़े बाबा को खाना देती और अपने नये प्यारे दोस्त के साथ खेलती l
यही है मन की खुशी और जीवन की मुस्कान l
सदा मुस्कुराते रहो....