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Ashish Dalal

Inspirational

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Ashish Dalal

Inspirational

साहस

साहस

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‘नहीं मां, मैं वहां अब नहीं जाऊंगी।’ 

‘ऐसा नहीं कहते बेटी, तू अभी जा, तेरे पिता दो-चार दिनों में फ्रीज की व्यवस्था कर देंगे।’ मां ने अपनी नवविवाहिता बेटी उषा को समझाते हुए कहा।

‘नहीं मां, अब नहीं सहा जाता मुझसे।’ उषा की आंखों में आंसू आ गए।

‘हिम्मत रख मेरी बच्ची, फिर तेरी छोटी बहनों के भविष्य का भी तो ख्याल कर।’ मां ने कहा।

‘ठीक है मां, बहनों के भविष्य की खातिर यहां से जाती हूं, पर मुझ पर जो बीत रही है वह मेरी बहनों पर नहीं बीतेगी।’ मां की बात सुनकर कुछ सोचकर उषा वापस ससुराल जाने को तैयार हो गई।

दूसरे दिन अखबारों में खबर छपी– ‘दहेज़ लोभी ससुराल वालों को उषा ने पुलिस के हवाले किया।’

अपनी शिक्षित पुत्री के इस साहसिक कदम पर माता– पिता की आंखें खुशी से छलछला आई।


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