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Shubhra Ojha

Drama

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Shubhra Ojha

Drama

रिश्तों की कहानी

रिश्तों की कहानी

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क्या कहा तुमने "छोटी बहू के जन्मदिन पर उसे ऑनलाइन गिफ्ट भेजना है ? जब तुम उसे वीडियो कॉल करती हो तो वो तुमसे सही से बात भी नहीं करती।" पतिदेव गुस्साते हुए मुझसे बोले।

"तो क्या हुआ, उस बेचारी को घर, जॉब और बच्चों से समय नहीं मिल पाता होगा इसलिए ही वो मुझसे बात नहीं कर पाती होगी" मैंने कहा।

"तुम बात ना बनाओ मैं सब समझता हूं तुम्हे भी और छोटी बहू को भी।"

पतिदेव की बातों को सुनकर मैंने कहा।

"मैं घर में सबसे बड़ी हूं इसलिए सभी रिश्तों को साथ लेकर चलना मेरा कर्तव्य है। सभी के गलतियों को माफ़ करके उनको नई राह दिखाना मेरा फर्ज़ है। छोटे तो बचपना करते ही है लेकिन बड़ों का काम बड़प्पन दिखाना होता हैं, "रिश्तों की पोटली" बनाकर रखने से ही घर मजबूत होता है इसलिए आप मेरी बात मानो और सारी बातें भूलकर छोटी बहू के जन्मदिन के लिए कोई प्यार सा गिफ्ट ऑर्डर कर दो।

मेरी बातों का असर पतिदेव पर हुआ और उन्होंने ऑनलाइन गिफ्ट के लिए लैपटॉप ऑन कर दिया।


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