रिश्तों का कत्ल
रिश्तों का कत्ल


"अरे,कल तुम कहाँ गयी थी,मैं तुम्हें मिलने आयी थी।वह आते ही बोली।
" कल मैं गयी थी,किसी जानने वाले के विल की विटनेस देने।"
"अच्छा,फिर?"
वह कहने लगी,"सच बताऊँ? कल पूरा समय अच्छा नहीं लग रहा था।"
"क्यों?" उसने सवाल किया।
"तुम खुद बताओ,जिसने विल बनायी है, उसके 4 भाई और 2 बहने और उनके बच्चे,लेकिन विल में सिर्फ 1 भाई और 1 बहन के बच्चों के नाम सारी प्रॉपर्टी कर दी है।"
"तो इससे तुम्हे क्या?"
" दरअसल मुझे कल लग रहा था की मेरे सामने रिश्तों का कत्ल हो रहा है औऱ मैं उस कत्ल की गवाही दे रही हूँ।जीते जी तो उन रिश्तों को निभाया नहीं, और अब इस तरह विल करने के बाद मरने के पहले ही उन रिश्तों में कोई गुंजाइश भी नही छोड़ रहे है......"