रिश्ता
रिश्ता
"ये लड़की जो तुम्हारे कमरे से निकल कर गई, कौन है रुक्मि बाई ?"
"अनाथ आश्रम मे रहती है। मुझे रिसालो की किताब सेअच्छी अच्छी कहानियाँ सुनाती है, दसवी क्लास में पढ़ रही है।"
"बहुत कमसिन है ये। चौदह, पन्द्रह साल की होगी, है न।"
"हाँ "
"कसम से रुक्मि बाई, हमें मिलवा दो इससे।
मुहं मांगी रकम दूँगा मैं। तेरी भी झोली भर दूँगा"
"क्यों उस छोटी बच्ची पर नज़र गड़ाते हो सेठ।
तुम्हारी सेवा के लिये हम तो बैठे है। पिछले सोलह साल से केवल तुम्हारी ही बन कर रह रही हूँ।"
"हम भी तो तुम्हारे ही दीवाने रहे हैं पर आज इस लड़की पर दिल आ गया।
अनाथ है न। खरीद लेंगे इसे। कौन इसके माँ बाप है। और अगर हो तो बताओ। उनका भी मुहँ भर देंगे, बस हमें ये लड़की चाहिये, इसे ज़िद समझो हमारी"
"ये नामुमकिन है सेठ"
"नामुमकिन क्यों, क्या लगती है तुम्हारी, क्यों उसका इतना बचाव कर रही हो तुम।"
"सेठ...वो बेटी हैं मेरी और तुम्हारी...।