Ragini Pathak

Inspirational

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Ragini Pathak

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रेड लिपिस्टिक

रेड लिपिस्टिक

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सुर्ख लाल साड़ी के साथ मैचिंग की खनकती लाल चूड़ियां, रेड हाई हील, माथे पर बड़ी लाल बिंदी, होठों पर रेड लिपस्टिक लगाए जब जया जी ने पार्टी के अंदर कदम रखा, तो सबकी नजरें उनपर टिक गईं। जो एक बार देखता, वो पलट कर दोबारा ना देखे ये तो हो ही नहीं सकता।

तभी आवाज आयी। "जया रूको, पीछे मुड़ना"। जुड़े में लाल गुलाब लगाते हुए जया जी के पति दिनेश जी ने कहा "अब हो गयी कमी पूरी। "

कि तभी पार्टी हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

"हे भगवान! रेड लिपस्टिक"!ये माँ बाबूजी भी ना थोड़ी सी भी लिहाज नहीं रखते। हर जगह पहले माँजी का ध्यान रखते है। देखा रमा माँजी जन्मदिन की 60वी वर्षगांठ मना रही है। लेकिन लगता है कि भूल गयी कि अब वो नाती पोतों वाली हो गयी है। सारे मेहमान उनको ही देख कर बातें कर रहे हैं। क्या जरूरत थी? सुर्ख लाल साड़ी के साथ रेड लिपिस्टिक लगाने की।

ये बाबूजी भी ना बुढ़ापे में लोग अपने जन्मदिन पर भजन कीर्तन करते हैं। तो इन्होंने माँजी के लिए जन्मदिन की पार्टी रखी है। इनकी इन्ही हरकतों के कारण पूरी सोसायटी इनको लैला मजनू के नाम से चिढ़ाती है। मुझे तो इतनी शर्म आती है कि क्या बताऊँ? और एक ये लोग हैं, इनके कानों पर जूं तक नहीं रेंगता।

"अरे!तू मुँह खोल के बिना पलक छपकाये एकटक क्या देख रही है उनको । कुछ बोलेगी भी"-अंकिता ने अपनी देवरानी से कहा

"हाय! भाभी मैं तो माँजी को ही देख रही हूँ क्या गजब की दिख रही हैं इस उम्र में भी। मेरी सारी सहेलिया तो कहती है तू भी अपनी सास से कुछ ब्यूटी टिप्स ले लेना। हमारे भी काम आएगी। " रमा ने कहा।

"इसमें टिप्स की क्या बात है। क्या मजाल जो योगा, मॉर्निंग वॉक,और पार्लर जाना कभी छूट जाए। वो सबसे पहले अपना ख्याल रखती है। अपनी दिनचर्या से वो कभी कोई समझौता नहीं करती। "अंकिता ने कहा

"वही तो दीदी इस उम्र में भी माँजी को रत्ती भर आलस नहीं। एक हम है जो समय का रोना रोते रहते है"रमा ने कहा

तभी पास खड़ी बुआ सास कब से दोनों बहुओं की बात सुन रही थी अंत में उन्होंने कहा

"क्यों री बहुरानियो क्या लिपिस्टिक बनाने वाली कम्पनियां रेड लिपिस्टिक सिर्फ जवान लोगो के लिए बनती है। नहीं ना.. तुम्हारी सास हमेशा से ही ऐसी है। घर के काम हो या बच्चें सब संभालते हुए भी अपनी दिनचर्या को पूरी तरह व्यवस्थित रखा। और अपना श्रृंगार भी। मेरी भाभी हमेशा ही सज संवर कर रहना पसंद करती हैं। उनका तो साफ कहना होता है। कि श्रृंगार पर तो हम औरतों का जन्म सिद्ध अधिकार है। वो तो जरूर करना चाहिए। मेरी भाभी ने जिंदगी भर परिवार ,बच्चें और उनसे जुड़े रिश्ते जिंदगी भर सम्भाल कर रखे। और साथ में अपना ध्यान भी। वो क्या कहते है आज की भाषा मे"मी टाइम" समझी।"" कह के बुआ सास वहाँ से चली गयी। "

तभी एंकर ने माइक पर कहा" नाउ कपल डांस टाइम""

और दिनेश जी ने आगे बढ़कर जया जी का हाँथ पकड़ कर डांस करने के लिए लेकर आये। गाना बजा""आजकल तेरे मेरे प्यार के चर्चे हर जुबान पर " गाने पर जब दोनो लोगो ने ठुमके लगाए ।

तो सबकी साँसें इतने मनमोहक अंदाज को देखकर थम गयी। तभी रमा ने कहा" भाभी मैं तो खुद को कंट्रोल नहीं कर पा रही। मैं तो चली माँजी और बाबूजी के साथ डांस फ्लोर पर। रंग और प्यार की कोई उम्र नहीं होती। ये तो हर उम्र में खूबसूरत ही होता है जैसे अपने माँ बाबूजी हैं। आज भी उतने ही खूबसूरत दिख रहे हैं। हम औरते जिंदगी भर अपने अरमान को दबा के रखते। कभी लड़की हो, कभी माँ होने पर बच्चें घर की जिम्मेदारी तो अपना शौक पूरा कब करें।

"अरमान दबा कर क्यों रहना ?कभी समाज तो कभी बच्चें, कभी उम्र"' सही कहती हैं माँजी अपने सभी शौक सपने जो भी हम पूरे करना चाहते है कर सकते है वो कर लेने चाहिए। क्योंकि जिंदगी मिलेगी ना दोबारा । तो किसी की बातें सुनने सुनाने की बजाय अपनी मर्जी करो। दुनिया तो सबको कुछ ना कुछ कहती ही है।

तभी जया जी ने दोनो बहुओं के कंधे पर हाँथ रखते हुए कहा "तुम दोनो यहाँ क्यों खड़ी हो ?चलो डांस करो अपने अपने पतियों के साथ "

"जी माँजी चलिये। "

सबने साथ मिलकर जया जी का साथ डांस किया "सुरमा लगा के लटे उलझा के कर दे जिया में..... गुलाबो"

डांस करते हुए रमा ने कहा "माँजी अब हम आपकी बात समझ गए कि औरतों का "मी टाइम" क्यों जरूरी है। आप सही कहती हैं खुशहाल औरत ही खुशहाल गृहस्थी चला सकती है!



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