Sanjeev #साहिब

Romance

3  

Sanjeev #साहिब

Romance

रात वाली बातें

रात वाली बातें

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198


"तुम जब भी सामने होते हो, तो जुबान जैसे बग़ावत कर जाती है, और वो भी दिल और दिमाग दोनों से, और जब दूर होते हो तो हजारों बातें दिल में और नयी आ जाती है, तुमसे कहने के लिए । 

"कौन सी "?

"अरे क्या बताऊं कौन सी ?"बस ये समझ लो बहुत सारी, बेमतलब की, बहुत जरूरी, या ..... पता नहीं यार कैसी कैसी, बस बहुत सारी । 

"फिर भी, बताओ तो ..... 

"ठीक मगर हंसना नहीं, ठीक है। "

"हां नहीं हँसता, ठीक "

"नहीं तुम हंसोगे ... मैं नहीं ....

"अरे बाबा नहीं हँसता "

"अच्छा सुनो "

"हममम ..."

"मुझे न तुम्हारी आंखें बहुत खूबसूरत लगती हैं "

"अरे ये तो मेरी लाइन है "

"देखा, मैंने कहा था तुम हंसोगे "

"अरे, बाबा कहाँ ...."

"देखो देखो तुम्हारी आंखें हँस रहीं हैं "

"अच्छा तुम्हें दिखाई दे रही हैं मेरी आंखें "

"हाँ, ये ही तो दिखाई देती हैं हमेशा "

"अच्छा, और कुछ नहीं दिखाई दे रहा "

"नहीं "

"क्यों ??"

"क्योंकि इनके सिवा कुछ दिखता ही नहीं मुझे "

"ह्म्मम्म्म्म, आज कुछ ज्यादा ही मिज़ाज शराबी हैं जनाब के "

"हम्म्म्म, देखा, इसी लिए मैं तुमसे बात नहीं करती दिल की, जाओ मैं बात नहीं करती "

"अरे बाबा, क्या हुआ मैंने क्या कहा "

"बस कुछ नहीं, सो जाओ "

"अरे, बाबू , सुनो "

"गुड़ नाईट "

"बाबू "

"बाय "

"देविका "

"गुड नाईट "

"सुनो न ...."

"टेक केयर "

 "मैं नाराज हो जाऊंगा "

"स्वीट ड्रीम्स "

"देविका "

"देवू"

"देवू"

"शोना "

"बाबू "

"मिश्री"


15 मिनट बाद 

"अच्छा ठीक है गुड नाईट "

"गुड नाईट, बुद्धू सा ........."



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