Keshav singh Rathour

Horror

3.9  

Keshav singh Rathour

Horror

राघव

राघव

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हमेशा की तरह राघव इस बार फिर गर्मी की छुट्टियों में घर आया था। घर आने के बाद राघव कुछ दिनों तक अपने गांव में घुमा अपने पुराने दोस्तों से मिला। उस गांव में रात को 8:00 बजे के बाद कोई घर से नहीं निकलता था। 1 दिन राघव ने अपने दोस्तों से कहा: क्यों ना हम लोग रात को 12:00 बजे नजदीकी पार्क में मिले मजा आएगा। रोहन राकेश राघव के बहुत अच्छे दोस्त थे उन्होंने राघव से कहा की हम लोग रात को नहीं निकलते हैं क्योंकि इस गांव में रात को अजीब घटनाएं होती है। राघव उन दोनों की बातें सुनकर जोर जोर से हंसा और कहा यह सब बातें बकवास है। यह सिर्फ गांव वालों के द्वारा फैलाया गया अफवाह है। राघव ने सभी को साथ जाने के लिए मना लिया ठीक समय पर राघव और उसके दोस्त नजदीकी पार्क में पहुंच गए‌। राघव ने सोचा क्यों ना हम लोग यहां में लुक्का छुप्पी खेलें। तभी राकेश ने कहा: यार राघव हमने यहां आकर बहुत बड़ी गलती कर दी। हमें यहां से चलना चाहिए। तभी पार्क में कुछ दूरी पे कुछ चमकता हुआ दिखाई दिया। सभी डर गये, सभी ने राघव से कहा कि यहां कुछ ठीक नहीं है। हमें घर जाना चाहिए। लेकिन राघव नहीं माना राघव ने अपने दोस्तों से कहा कि मैं देख कर आता हूं कि वहां क्या चल रहा है। तुम लोग मेरा यही इंतजार करो। दो दिन बीत गए राघव दो दिन से गायब था। राघव कहां गया किसी को नहीं मालूम था राघव के पैरेंट्स ने रोहन और राकेश से भी राघव के बारे में पूछा। रोहन और राकेश ने राघव के बारे में कुछ भी जानने से इनकार कर दिया। आखिर क्यों रोहन और राकेश ने झूठ बोला उन्होंने राघव के पेरेंट्स को क्यों नहीं बताया कि गायब होने से पहले राघव उनके साथ था। बहुत खोजबीन करने के बाद राघव के पेरेंट्स को राघव के रूम से एक लेटर मिला। उस लेटर में बस इतना ही लिखा था कि अगर दुनिया में भगवान है तो भूत भी है। आखिर राघव कहां गया जो दोस्त राघव के साथ गए थे उन्हें राघव के बारे में क्यों नहीं मालूम है। आखिर जिस जगह राघव गया था वहां राघव के साथ क्या हुआ?

   


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