Keshav singh Rathour

Romance

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Keshav singh Rathour

Romance

बचपन वाली मोहब्बत

बचपन वाली मोहब्बत

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बहुत दिनों बाद कृति से भेंट हुई कृति मेरी बचपन की दोस्त थी। हम लोग एक ही क्लास में पढ़ा करते थे। कृति मेरी और देखी और मंद मंंद मुस्कुराने लगी।

"कृति क्या हुआ तुुुम हंस क्यों रही हो" मैंने पूछा। कीर्ति ने कहा "याद है वह बचपन के दिन जब तुम मेरे लिए वैलेंटाइन डे के दिन गुलाब फूल की जगह गेंदा फूल ले आए थे।"

" तभी बाल मन था जो मन में आया कर दिया" मैंने कहा। वैसे कीर्ति मेरी बचपन की मोहब्बत थी और मैंने पहला प्यार उसी से किया था। पांचवी पास के बाद वह कहीं और चली गई थी आज अचानक उसे देखकर दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। वो बचपन वाली मोहब्बत फिर से मेरे दिल में जाग गया था। मैं पुरानी बातों को सोचने लगा इतने मेंं कृति बोली 

"कहां खोए हुए हो चलो मैं तुम्हें किसी से मिलाती हूं।" चलते चलते मैं सोच रहा था की आज मैं अपनी मोहब्बत का इजहार कर दूंगा कृति ने मुझे एक लडके से मिलवाया और कहा कि इससे मेरी शादी अगले महीने होने वाली है तुम भी आना। एक झटके में मेरी बचपन वाली मोहब्बत की उम्मीद टूट गई। मैं और सुरेश(कृति का मंगेतर) बहुत देर तक एक दूसरे से बात करते रहें सुरेश अच्छे स्वभाव का था तभी कृति ने कहा की अब हमें जाना होगा बहुत सारे दोस्तों को निमंत्रण देने जाना है।और हां तुम जरूर आना मैंने वादा किया कि मैं जरूर आऊंगाा। कीर्ति और सुरेश दोनों चले गए मेरी बचपन वाली मोहब्बत का सफर यहीं पर खत्म हो गयाा। और खुशी भी हुई की सुरेश अच्छा लड़का है वह कृति को हमेशा खुश रखेगा।


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