Keshav singh Rathour

Children Stories

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Keshav singh Rathour

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मंगलू और मोटाराम

मंगलू और मोटाराम

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बहुत समय पहले की बात है एक जंगल में दो हाथी रहा करते थे। दोनों हाथी आपस में भाई तो नहीं थे लेकिन भाई से कम भी नहीं थे। दूसरे हाथी उन दोनों की दोस्ती से बहुत जलते थे। दोनों हाथी का नाम मंगलू और और मोटाराम था। एक दिन मंगलू के यहां कुछ मेहमान आए मंगलू ने मोटाराम को भी घर पर बुलाया था सभी ने मिलकर घर में पार्टी का आयोजन किया। उस पार्टी में कुछ और हाथी आए थे जो मंगलू और मोटाराम की दोस्ती से नफरत करते थे। सभी ने मिलकर सोचा की क्यों ना इसी अवसर का फायदा उठाकर मंगलू और मोटाराम की दोस्ती को तोड़ दिया जाए। पेटू मंगलू और मोटाराम से नफरत करता था उसने सोचा कि यह सही समय है दोनों की दोस्ती को खत्म करने का।

उसी पार्टी में सेठ लंबू लाल जी आए थे लंबू लाल बड़े अमीर इंसान थे। पेटू ने चुपके से लंबू लाल का पर्स निकाल कर मोटाराम के बैग में रख दिया। पार्टी खत्म हो गई लेकिन तभी लंबू लाल हंगामा करने लगे।उनके हंगामे से तंग आकर मंगलू ने फैसला लिया कि जब तक लंबू लाल का पर्स नहीं मिल जाता तब तक कोई भी बाहर नहीं निकलेगा। बारी-बारी से सभी का बैग चेक किया गया तभी मोटाराम के बैग में लंबू लाल का पर्स देखकर मंगलू को जोरदार झटका लगा।

मोटाराम रोए जा रहा था और कसम खा खा कर कह‌ रहा था कि उसने चोरी नहीं की लेकिन उसकी बात किसी ने नहीं मानी। अब दोनों की दोस्ती में दरार आ गया था दोस्त होने के नाते उसने पुलिस को फोन नहीं किया और लंबू लाल से माफी मांग कर उन्हें विदा किया। अगले दिन शेर सिंह जो कि उस जंगल के पुलिस ऑफिसर थे वह पेटू के घर पहुंचे और पेटु को गिरफ्तार कर लिया। उस पर आरोप था की उसने सेठ लंबू लाल का पर्स चोरी करके मोटाराम के बैग में रख दिया। तभी सेठ लंबू लाल और मंगलू आ गया उसने सारे सबूत शेर सिंह को दिखाया। शेर सिंह ने सबूत के आधार पर पेटु को गिरफ्तार कर लिया। तभी वहां पर मोटाराम आ गया उसने मंगलू से पूछा की लंबू लाल का पर्स तो मेरे बैग में मिला था तो फिर पेटू गुनहगार कैसे हो गया। मंगलू ने कहा की मुझे तुम पर पूरा भरोसा था कि तुम चोरी नहीं कर सकते हो। पार्टी खत्म होने के बाद मैंने सोचा की तुम्हें बेगुनाह कैसे साबित किया जाए।

तभी जीतू भैया आ गए जो कि कैमरामैन है। उन्होंने मुझसे कहा कि मैं कुछ देर के लिए कैमरे को रखकर टॉयलेट गया था लेकिन मैं कैमरा ऑफ करना भूल गया। उसी कैमरे में पेटू के कारनामे कैद हो गए। मोटाराम रोने लगा और मंगलू के गले लग गया। सेठ लंबू लाल ने भी मोटाराम से माफी मांगी। मोटाराम और मंगलू फिर से पक्के दोस्त हो गए। सभी ने मिलकर कैमरामैन जीतू का धन्यवाद किया और सभी अपने अपने घर चले गए।।


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