लेखकों का क्या वे तो कुछ भी लिखते रहते हैं। स्त्री तो बस देह होती है। लेखकों का क्या वे तो कुछ भी लिखते रहते हैं। स्त्री तो बस देह होती है।
चुप कर ये क्या मज़हबी बकवास लिए बैठ गई ज़रा निखत की खुशी के बारे में सोच चुप कर ये क्या मज़हबी बकवास लिए बैठ गई ज़रा निखत की खुशी के बारे में सोच
उसके जीवनभर की मेहनत से बना इन्वेंशन उसका जीवन ही खत्म कर देगा। उसके जीवनभर की मेहनत से बना इन्वेंशन उसका जीवन ही खत्म कर देगा।
दो आवारा इंसानो की बातचीत दो आवारा इंसानो की बातचीत
राघव उन दोनों की बातें सुनकर जोर जोर से हंसा और कहा यह सब बातें बकवास है राघव उन दोनों की बातें सुनकर जोर जोर से हंसा और कहा यह सब बातें बकवास है
संयुक्ता के अंतिम संस्कार के बाद, मैं उनकी एकमात्र करीबी दोस्त ईशा से मिला संयुक्ता के अंतिम संस्कार के बाद, मैं उनकी एकमात्र करीबी दोस्त ईशा से मिला