rekha shishodia tomar

Drama

1.0  

rekha shishodia tomar

Drama

धोखा

धोखा

8 mins
499


"हेलो अंकल, आज मैं बहुत बहुत खुश हूँ कि आपने मुझे अपनी लैब में आने का मौका दिया..अब जल्दी से दिखाइए आपने क्या इन्वेंशन की"?

"होल्ड ऑन डियर.. पहले तुम कुछ दूसरी चीज़ें तो देख लो.."

"नही.. नही..अंकल प्लीज्, वही इन्वेंशन देखना है जिसके लिए आप हम सबसे इतने सालों से दूर हो"

"देखो माया, तुम जानती हो तुम्हारे और आर्य के अलावा मेरा कोई नही है..उसका कारण भी मेरा सनकीपन है..क्योंकि मैं जानता हूँ कि मैं किसी से कहूँगा की मैं क्या बनाना चाहता हूँ या क्या बनाया है तो कोई यकीन नही करेगा"

"जानती हूँ अंकल,पर मुझे आप पर पूरा भरोसा है..इसलिए ही आपका इतना बड़ा बिजनेस सम्भालतें हुए भी दिमाग यहीं टिका था कि आप क्या करामात करने वाले हो"?

"हम्म चलो पहले कुछ चीज़ें देखो"

इतना कह दर्शन जी सौम्या को अपने घर के बने अहाते में ले जाते है जहाँ जगह जगह छोटे छोटे इंस्ट्रूमेंट रखे थे।

वो एक इंस्ट्रूमेंट की तरफ बढ़ते है ये एक बेलनाकार इंस्टूमेंट था जिसके एक कोने पर छोटे से बटन लगे थे, जैसे ही दर्शन जी ने उसके सबसे नीचे वाले बटन को क्लिक किया उसमे से एक चाकू जैसा हथियार निकला

"अरे चाकू है क्या ये?"

"हम्म पर काम अलग है इसका,ये आयामो के बीच दूरी बताता है और संभावना भी की दूसरे आयाम में जाने के कितने चान्सेस है"

"मतलब"?

"बाद में बताता हूँ..ये देखो दूसरी चीज़े"

वो एक बड़ा सा हैट शेप का इंस्ट्रूमेंट था जो देखने मे बहुत ही सामान्य सा हैट दिख रहा था

दर्शन जी आगे बोलते है"ये हैट देखो और इस पर लगी ये खूबसूरत सी चैन देखो.. जानती हो इसका काम क्या है"?

"आप बताइए"

"अगर कभी लगे कि बुरी तरह फँस चुके है और कोई रास्ता ना दिखे तो इस हैट को पहनकर इस चैन को तीन बार झटका देना होगा जिससे हैट के निचले हिस्से पर लगी ये छोटी छोटी लाइट्स जल उठेंगी..और ये बोटल के ढक्कन जैसा जो है ये है कैमरा,इसको ऊपर से प्रेशर देने पर ये रिकॉर्डिंग चालू कर देगा।"

"ओह्ह इस हैट से क्या होगा"?

"वो सीक्रेट बाद में,अब तुम्हे मुख्य चीज़ दिखाता हूँ, ये देखो"

वो एक नॉर्मल चेयर थी जिसके चारों तरफ कई रंग के तार लगे थे..उस चेयर के ठीक ऊपर छत खुली थी..पर माया हैरान थी कि उस छेद से आकाश की झलक भी दिखाई नही दे रही थी।

"अब बता भी दीजिये अंकल"

"हम्म देखो ये चेयर एक तरीके से ट्रांसपोर्ट मोड है दूसरे आयाम यानी पैरेलल वर्ल्ड में जाने का"

"हा हा हा अंकल ये कुछ ज्यादा हो गया"

"तुमसे ये उम्मीद नही थी माया"

"ओके ओके सॉरी अंकल..पर आप खुद सोचिए कि आप जो कह रहे है वो वाकई पॉसिबल है"

"बिल्कुल पॉसिबल है, मैंने इतने घाटे में ये घर इसलिए ही खरीदा क्योंकि यहाँ दूसरे आयाम में जाने की संभावना 80% है"

"एक मिनट.. एक मिनट..कहीं इसलिए ही तो इसमे रहने वाला पहला परिवार इसे छोड़कर तो नही चला गया"?

"बिल्कुल सही समझे dear.. यहाँ दूसरे आयाम से जुड़ी कुछ घटनाएं जरूर हुई होंगी.. और वो लोग उसे भूत प्रेत की बाधा समझ आनन फानन में इसे बेच गए"

"प्लीज् अंकल अब जल्दी से बता दीजिए कि ये सब कुछ कैसे होगा?"

"देखो तुम इस चेयर पर बैठो.."

"म..मैं पर क्यों"

"हा हा हा अरे पागल डर मत बैठने से कुछ नही होगा..सिर्फ समझाने के लिए बिठा रहा हूँ"

"ओहहके, ठीक है"

माया उस चेयर पर बैठ जाती है, अचानक वो अपने चारों तरफ एक बन्धन महसूस करती है,वो लाचारी से दर्शन की तरफ देखती है

"डोंट वरी बच्ची कुछ नही होगा"

अचानक माया को चारों तरफ गीलापन महसूस होता है, जैसे किसी ने उस पर ढेरो पानी छिड़क दिया हो..उसे अपना शरीर छोटे छोटे अणुओं में टूटता महसूस होने लगता है वो डर जाती है,चीखने लगती है

"माया बेटा, मुझे माफ़ करना मुझे अपना इन्वेंशन टेस्ट करना था और मैं किसी बाहरी व्यक्ति पर विश्चास नही कर सकता..चिंता मत करना तुम्हे कुछ नही होगा"

माया अबकी बार चाहकर भी कुछ नही कर पा रही थी।

"देखो ये दोनों इंस्ट्रूमेंट तुम्हे दे रहा हूँ जब वापस आना हो तो इस चाकू वाले उपकरण से इस आयाम में आने की संभावना ढूंढना.. जहाँ संभावना ज्यादा हो वहाँ पर ये चाकू खोंल देना मुझे मैसेज मिल जाएगा..और मैं तुम्हे वापस लाने की कोशिश करने लगूंगा"

"जहाँ मुसीबत लगे ये हैट पहन कर चैन खींचना,तुम दिखना बन्द हो जाओगी, जिससे तुम्हे सोचने का मौका मिलेगा..क्योंकि इससे निकलने वाली लाइट्स तुम्हारे शरीर पर पड़ने वाली रोशनी को परावर्तित नही होने देगी जिससे तुम सामने वाले कि आँखों से ओझल हो जाओगी.. बाय बेटा, अपना ध्यान रखना"

माया को बेहोशी महसूस होने लगी और जब उसकी आँखें खुली तो वो एक खाली मैदान में लेटी हुई थी..

वो उठी उसके सारे कपड़े भीगे हुए थे..उसने चारो तरफ निगाह घुमाकर देखा

"ये..ये तो वैसा ही मैदान है जैसा.."उसने अपने दिमाग को झटका दिया

"नही नही तब तो मैं शायद 7 साल की रही होऊंगी.. ये कोई और जगह है"

वो इधर उधर घूमने लगी,उसे लगा अब उसे वापस जाना चाहिए तभी अचानक सामने एक कार आकर रुकी

"हमारी..हमारी कार,ओह नो..पर ये तो.."

माया इतना सोच ही रही थी कि उस कार का दरवाजा खुला, जो लोग उसमे से निकले उन्हें देखकर माया के अंदर दुख, डर, प्यार रोमांच सभी भावनाए एक साथ उमड़ पड़ी

ये उसके पापा औऱ मम्मी थे जो गाड़ी के पीछे का दरवाजा खोल किसी से बात कर रहे थे..

"ये..ये तो मैं हूँ"वो चिल्लाई

उसकी चीख को सुनकर वो लोग पलटे, उसकी तरफ बढ़े

उसके पापा ने उससे कहा"तुम कौन हो और चीख क्यों रही हो?"

वो जानती थी कुछ भी बोलने का कुछ फायदा नही है पर इतना सारा दबाव उसका दिमाग नही झेल सका और वो बेहोश हो गई।

उसकी आँखें खुली तो वो अपने घर मे थी पर बचपन वाले घर मे

उसने इधर उधर नजर घुमाई, उसकी मम्मी उसके लिए मैक्रोनी बना कर लाई थी, प्लेट हाथ मे लेते ही वो फूट फूट कर रोने लगीं, उसने मन ही मन अपने अंकल को धन्यवाद दिया।

"अरे तुम रो क्यों रही हो, कुछ गलत हुआ क्या तुम्हारे साथ, ये सामान लो तुम्हारे साथ था हम लेकर आए है"

"नही नही कुछ नही,बस ऐसे ही किसी की याद आ गई" वो बोली

तभी बाहर शोर हुआ, उसकी मम्मी उठकर बाहर गई वो भी साथ साथ निकली, दर्शन अंकल ही थे पापा से किसी बात को लेकर उनकी बहस हो रही थी।

माया को मजाक सूझा और उसने उस ढक्कन जैसे इंस्ट्रूमेंट से वीडियो बना ली।

"अब वापस जाकर अंकल को दिखाऊंगी, उन्हें यकीन भी नही होगा"

वो चले गए तो उसने अपनी मम्मी से पूछा"दर्शन अंकल क्यों लड़ रहे थे"?

"तुम्हे उनका नाम कैसे पता चला"?

"व..वो आपके पति उनका नाम ले रहे थे ना"?

"ओह अच्छा ,छोड़ो हम अपनी बेटी को लेने स्कूल जा रहे है,उसका एनुअल फंक्शन है आज"

"क..क्या?"आज एनुअल फंक्शन?आज के ही दिन ही तो..न.नहीई"

"तुम फिर चीखने लगी..अब तुम्हे भी अपने घर जाना चाहिए"

"आप लोग मत जाओ प्लीज् मत जाओ"

"देखो तुम अपने घर जाओ और हमारे परिवार के मामले में दखल ना दो"

वो समझ चुकी थी कि अब कहने से कोई नही मानेगा, उसे कुछ करना होगा

वो भागकर गाड़ी की तरफ गई, वहाँ उसने देखा दर्शन अंकल गाड़ी में कुछ कर रहे थे।

वो दौड़कर गई और पूछने लगी,"आप क्या कर रहे है"?

"तुम कौन हो? जाओ यहाँ से मुझे काम करने दो"

"आप तो गाड़ी के ब्रेक फेल..ओह मय गॉड..मतलब आपने"?

अचानक माया को अपने शरीर पर फिर से पानी जैसा अहसास हुआ,वो समझ चुकी थी कि वापस जाने का टाइम आ चुका है और चीख चिल्ला कर कुछ नही होने वाला.. उसने फटाफट वो बोतल के ढक्कन जैसा इंस्ट्रूमेंट निकाला और ब्रेक फेल करते दर्शन के फ़ोटो खींच लिए..

"ओए लड़की क्या कर रही है"?

इतनी देर में दर्शन,माया को पकड़ पाता माया ने अपने हैट में लगी चैन को तीन बार झटका दिया और दर्शन भौचक्का सा खड़ा रह गया।

तभी माया के मम्मी पापा के आने की आहट हुई और भागकर एक आँगन में लगे एक पेड़ के पीछे छुप गया।

उनकी गाड़ी जाने के बाद वो बाहर निकला काफी देर तक माया को ढूंढता रहा फिर थककर बैठ गया और अचानक हँसने लगा

"हा हा हा, मिस्टर रजनीश अब तुम्हारी सारी प्रोपर्टी मेरी..यही वसीयत की थी ना तुमने..बेटी बालिग होने तक सब मेरा..पर बालिग होने के बाद उसे बताएगा कौन की प्रॉपर्टी उसके बाप की है..हा हा हा अब पूरा करूंगा अपना इन्वेंशन का सपना..जिसके लिए तुमने मुझे पैसा देने से इनकार कर दिया था"

माया में हिम्मत नही थी कि वो फिर से अपने माता पिता की मौत देख पाती,

वो वापस उसी मैदान में गई और चाकू नुमा उपकरण निकाल कर वापस जाने का आयाम ढूढने लगी..उसे महसूस हुआ कि यही जगह बेस्ट है वो वहीं पर बैठ गई और इंस्ट्रूमेंट में लगे बटन को दबा दिया..

फिर से वही गीलापन, फिर से बेहोशी,उसकी आँखें खुली तो वो चेयर पर थी और सामने खड़े आर्या, दर्शन और बहुत से मीडिया के लोग तालियां बजा रहे थे।

आर्या ने उसे आगे बढ़कर गले लगा लिया"तुमने बहुत हिम्मत दिखाई माया अंकल के इस इन्वेंशन को अपने ऊपर टेस्ट करके..पर एक पल को ये नही सोचा कि वापस नही आती तो मेरा क्या होता"?

"मुझे अंकल से कुछ सवाल करने है"?

"बिल्कुल बेटा, तुम्हारे सवालों से ही तो मुझे पता चलेगा मेरे इन्वेंशन ने क्या क्या किया है"?

"तो अंकल क्या ये टाइम ट्रेवल भी करता है"?

"नही, लेकिन हम जो भी जीवन इस धरती पर जीते है वो बफर में इक्कठा होकर किसी ना किसी आयाम में रह जाता है और अगर हम उस आयाम में जाते है तो बिता हुआ समय देख सकते है..लेकिन उसे टाइम ट्रेवल नही कहेंगे क्योंकि उसमें तुम कुछ बदल नही सकती"

"क्यों नही बदल सकते"?

"जैसे ही तुम्हारे मन मे कुछ बदलने का विचार आएगा,तुम वापस अपने आयाम की तरफ खिंचने लगोगी क्योंकि ईश्वर ने ये ब्रह्मांड ऐसे ही बनाया है..अगर दूसरे आयाम में जाकर कुछ बदलने की कोशिश करोगे तो आयाम के अणु टूटकर बिखर जाएंगे और उस आयाम के साथ तुम भी खत्म हो जाओगे"

"समझी नही"

"देखो, पुराने कितने ऋषि थे जो हर युग मे थे..उन्हें हर बात का ज्ञान था कि अगले युग मे क्या होने वाला है लेकिन उन्होंने जो जैसा चल रहा था चलने दिया..वरना महाभारत का युद्ध ना होता..राम जी को वनवास ना होता..समझी,हम आयामो से छेड़छाड़ नही कर सकते"

"एक आखिरी सवाल,मम्मी पापा को क्यों मारा"?

"क्या क्या बकवास है ये"?

आर्य ने हैरानी से माया को देखा

"हाँ आर्या ये सब प्रॉपर्टी मेरे पापा की ही है जिसे हम अंकल का समझ कर सम्भाल रहे थे"

"क्या सबूत है तुम्हारे पास"दर्शन चिल्लाए

"ये रहे सबूत"और माया ने अपने साथ लाई फ़ोटो और वीडियो मीडिया के सामने आर्य को सौंप दी

आर्या ने पूछा"पर इनसे कैसे माया"?

"पुलिस में रिपोर्ट करने चलो पहले"

"पुलिस हमारी बात क्यों मानेगी"?

"कानूनी कागजो की जाँच पड़ताल करके, जिनमे इस प्रॉपर्टी की मालिक मैं हूँ, बाकी जब इस इंसान को रगड़ेगी पुलिस ये खुद ब खुद सब बकेगा"

दर्शन मुँह छुपाकर धम्म से नीचे बैठ गया उसने कभी नही सोचा था कि उसके जीवनभर की मेहनत से बना इन्वेंशन उसका जीवन ही खत्म कर देगा।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama