प्यार

प्यार

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नशा है या मदहोशी 

चढ़ता -उतरता है 

कहा दूँ या चुप रहूं 

डर सा लगा रहता है  

उसे देखता हूँ तो लगता है की उसे चूम लूँ । उसका मासूम सा चेहरा , बड़ी -बड़ी आंखे ऐसा लगता है की मुझे ही देख रही हो। मैं अक्सर यही सोचता हूँ की उसे कैसे बताऊँ या किसी को पता चल गया तो क्या होगा ? प्यार और डर दोनों साथ चलते है। दो लोगो के प्यार मे इतनी शर्त क्यों ? इतना कम नहीं था की हम दोनों इंसान है। कोई माने या न माने प्यार सिर्फ प्यार होता है। हर दायरे से परे और अलग। 

हम दोनों सब से नज़र छुपाकर एक- दूसरे को देखते रहते है और डरते भी रहते है। एक बात अच्छी है की हमदोनो एक ही डेस्क शेयर करते है इसलिए हमेशा साथ रहते है क्यूंकि हम दोनों लड़के है। 


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