Rinki Raut

Drama Tragedy

4.0  

Rinki Raut

Drama Tragedy

उम्र - शादी की

उम्र - शादी की

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अब्बू को खबरें बहुत पसंद है वह सारा दिन टीवी पर न्यूज़ ही देखते हैं एक ही न्यूज़ बार-बार देखते हैं उन्हें लगता है जैसे अगर वह न्यूज़ नहीं देखेंगे, तो पीछे रह जाएंगे या कुछ छूट जाएगा।

मैंने आज तक इन खबरों का कोई असर अपने जीवन में तो नहीं देखा है मैं तो बस अपने किताब, दोस्तों और सपनों में खुश हूँ।


इस चुनाव में जीत किसकी होगी, फिर से भगवा लहराएगा या बदलाव की बात होगी चुनाव का क्या रिजल्ट होंगे ? देखते रहिए और खबरों में बने रहे, हमारे चैनल पर….. यही नजारा है हर घर का, हम सुबह जागते ही अपने दिमाग में खबर भर लेते हैं। मुझे समझ में नहीं आता की ।

दुनिया की सोच और उनके किए जाए पुराने कर्म -काण्ड को हम सुबह जागते ही अपने खाली दिमाग में क्यों डाल लेते है ? सोचती हूं काश, मुझे सुबह जागते ही ख़बर नहीं सुनना पड़ता। मुझे नफरत है इन खबरों से क्योंकि एक तो यह पुरानी होती है और सिर्फ दुख ही दुख भरा होता है इनमें अक्सर।


रोज़ की तरह अब्बू न्यूज़ देख रहे है। पर आज अम्मी भी ध्यान से खबर सुन रही है। क्या ये सच है ? पूछिए ज़रा किसी से। अम्मी ने अब्बू की तरफ देखकर कहा। स्कूल से आते ही अम्मी ने बाजार चलने को कहा, आज पहली बार अपनी पसंद का लहंगा, अनारकली और जूती सब खरीदा मैंने। घर पर खाला और खालू आए थे, मुझसे पूछा पढ़ाई कैसे चल रही है।

बहुत सही, मुझे तो अभी नौकरी करनी है। स्कूल तक पढ़ ले आगे देखते है। कल स्कूल से छुट्टी ले लेना।


अम्मी, कल तो मेरा जन्मदिन है, हाँ पता है, अठारह साल की हो जाएगी।

जैसे की न्यूज़ में दिखा रहे थे अगर, लड़कियों की शादी की उम्र 18 से 21 साल कर दी तो बहुत मुश्किल हो जाएगी।

खालू ने बीच में टोका, हाँ जवान लड़की को इतने साल घर पर कैसे रखेंगे।

तुम दोनों ने सही फैसला लिया है, कल ही इसका निकाह कराने का।


निकाह …….. क्या मेरा निकाह? मुझे नहीं पता था की ख़बर का असर ज़िन्दगी मोड़ देती है।


सभी टीवी में " ब्रेकिंग न्यूज़ " देखने लगे।



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