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Syeda Noorjahan

Romance Tragedy

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Syeda Noorjahan

Romance Tragedy

प्यार पुरा इकरार अधुरा

प्यार पुरा इकरार अधुरा

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"आज हमारे साथ हैं जाने माने अभिनेता, और सोशल एक्टिविस्ट राजवीर अहुजा" टाक शो की एंकर ने कहा और दर्शकों की तालियों के बीच राजवीर ने अपना स्थान ग्रहण किया,

"राजवीर जी ! बहुत बहुत स्वागत है आपका हमारे शो में," 

"मुझे यहां बुलाने के लिए धन्यवाद प्रीती जी!" राजवीर ने मुस्कुराते हुए कहा,

10 साल का लंबा सफर और अभी तक दिलों पर राज करते हुए कैसा लग रहा है?" प्रीती ने पुछा,

" बहुत अच्छा लगता है कि लोग हमें इतना प्यार देते हैं, यह लोगों का प्यार ही है जो हमें काम करते रहने की हिम्मत देता है" राजवीर ने जवाब दिया,

"अपनी आने वाली फिल्म के बारे में कुछ बताइए सुना है इसकी कहानी आपने खुद लिखी है ?"

"जी हां वह मैंने खुद लिखी है बस समझ लीजिए कि मोहब्बत की ऐसी दास्तान लिखी है जो पूरी होकर भी अधूरी रह गई" 

"क्या यह आपकी अपनी जिंदगी से प्रेरित है?" 

"आप ऐसा कह सकती हैं"

"तो क्या‌ आपने भी कभी किसी से प्यार किया?"

"अब इस बात का क्या जवाब दूं"

"क्या वह आपको मिली ?" 

"बस यूं समझ लीजिए की कुछ दास्तानें हमेशा अधूरी रह जाती हैं" राजवीर की आवाज धीमी हो गई,

"कभी किसी और से प्यार हुआ?"

"सच्ची मोहब्बत एक ही बार होती है और जिंदगी भर साथ रहती है, उसकी जगह कोई नहीं ले सकता"

"हमारे शौ के द्वारा उनको आप कोई मैसेज देना चाहेंगे"

"नहीं मेरे पास ऐसी कोई बात नहीं है जो मैं इस शो के द्वारा किसी को बोल सकूं" राजवीर ने हंसते हुए कहा, यह अलग बात है कि उसका दिल चाहा कि वह 'उसे' अपने दिल की हर बात बताए, मगर ख़ामोश रहा कि राजवीर के लिए उसकी इज्जत अपने जज्बात से ज्यादा कीमती है,

"10 साल पूरे 10 साल बीत गए हैं पर लगता है जैसे कल ही की बात हो…" रात के अंधेरे में तारों में किसी को खोजते हुए राजवीर जैसे खुद से ही बात कर रहा था,

"मुझे पैसों की सख्त जरूरत है यार प्लीज कुछ काम दिला दे अपने सेट पर" राजवीर ने अपने दोस्त से विनती करते हुए कहा,

"यार तू तो जानता है मुझे यह नौकरी कितनी मुश्किल से मिली है मैं कोई रिस्क नहीं ले सकता मुझे माफ कर दे मैं तेरी कोई हेल्प नहीं कर सकता" राजवीर के दोस्त ने जवाब दिया और चला गया

राजवीर बहुत निराश था उसकी समझ नहीं आ रहा था की करे तो क्या करें मां का ऑपरेशन होना बहुत जरूरी था उसके पास बस दो महीने का समय था जिसमें उसे पैसों का इंतजाम करना था, 

"सुनो!! मेरे लिए काम करोगे?" राजवीर ने अपने करीब एक मीठी सी आवाज सुनी,

कोई 20 22 साल की लड़की जिसने ब्लू जींस और सफेद रंग का टॉप पहन रखा था, गोरे रंग पर बड़ी जच रही थी, काले घने बालों की पुणे बांधी थी, आंखों पर काला चश्मा लगा रखा था, राजवीर को वह पहली नज़र में ही अच्छी लगी थी,

"आपने मुझसे कुछ कहा ?" राजवीर ने पुछा,

"जी हां ! मैंने पूछा क्या तुम मेरे लिए काम करोगे" उस लड़की ने जवाब दिया, 

"मैं इस समय किसी भी मज़ाक नहीं करना चाहता" राजवीर को लगा वह लड़की उसका मज़ाक उड़ा रही है,

"मैं भी नहीं, जितनी जरुरत तुम्हें काम की है उतनी ही जरुरत मुझे किसी के साथ की है" लड़की ने जवाब दिया

"मैं समझा नहीं" 

"कहीं बैठ कर बात करें!" लड़की ने सामने की ओर इशारा करते हुए कहा, धोना सामने बने कॉफी शॉप में चले गए,

"मेरा नाम इशाना है, उम्र 23 साल और सपना सुपरस्टार बनना है" इशाना ने अपना परिचय दिया

"मेरी मां अस्पताल में है और मुझे पैसों की सख्त जरूरत है, इसीलिए सबसे काम की भीख मांग रहा हूं"

" देखा मैं ने, मैं तुम्हारी मदद कर सकती हूं अगर तुम मेरी मदद करो" 

" वो कैसे,"

" लेट लव विन नामी रियलिटी शो का नाम सुना है?" 

"मुझे टीवी देखने का शौक नहीं है"

"यह एक रियलिटी शो है जहां कपल्स को पार्टिसिपेट करना होता है और जीतने पर दो करोड़ का इनाम मिलता है,‌ कपल्स को अलग-अलग टास्क दिए जाते हैं उन्हें पूरा करना है बस"

"और मेरा क्या काम होगा" राजवीर ने पुछा,

"तुम्हें मेरा बॉयफ्रेंड बनकर मेरे साथ चलना है जीतने पर जो इनाम मिलेगा वह आधा-आधा" इशाना ने कहा,

"मेरे पास इन फालतू चीजों के लिए वक्त नहीं है" राजवीर को लगा लड़की का दिमागी संतुलन ठीक नहीं है, 

"चैनल वाले पार्टिसिपेंट्स को हर एपिसोड के लिए पेमेंट करेंगे और डेढ़ महीने में शौक खत्म हो जाएगा, सोच लो और फिर जवाब देना क्योंकि चैनल से जो मिलेगा सो मिलेगा मैं भी तुम्हें मालामाल कर दुंगी"

"तुम्हें लगता है इतना आसान होगा लोगों को बेवकूफ बना कर एक रियालिटी शो जीतना"

"आसान काम मुझे पसन्द भी नहीं, मुश्किल जरूर है नामुमकिन नहीं" इशाना ने कहा

"ठीक है" राजवीर के पास ज्यादा समय नहीं था सो उसने ज्यादा सोचे बिना हामी भर दी,

"जल्दी मान गए तुम तो, समझदार हो" इशाना ने राजवीर का कांधा थपथपाते हुए कहा

"एक बात याद रखना, सेट पर आने के बाद गलती से भी मजाक में भी हम इस बात का जिक्र नहीं करेंगे कि असली कपल नहीं है"इशाना ने कहा, "यह रहा मेरा नंबर इस पर मुझे मैसेज करना मैं तुम्हें अपनी सारी डिटेल्स बता दूंगी जैसे कि मेरी पसंद ना पसंद और तुम्हें अपनी पसंद बता देना इस तरह ऑडिशंस देने में आसानी होगी" इशाना कोई भी गलती नहीं करना चाहती थी,"2 दिन बाद ऑडिशंस है मतलब हमारे पास बहुत कम वक्त है" इशाना सब कुछ आज ही बता देना चाहती थी, "तुम्हें कुछ नहीं पूछना?" वह राजवीर को देख कर बोलते बोलते रुक गई,

"बाकी सब तो ठीक है क्या तुमने अपने बॉयफ्रेंड का नाम पता है?" राजवीर ने पुछा दोनों ने एक दूसरे को देखा और हंस पड़े, ' अरे हां!! मैं ने नाम तो पुछा ही नहीं' ईशाना ने सोचा,

"मेरा नाम राजवीर आहूजा है, उम्र 25 साल मैं अपनी मां का इकलौता बेटा हूं, मेरे तीन बहने हैं, मैं एच एस सी क्लियर कर रहा था जब मेरे पिता का देहांत हुआ और मुझे अपनी पढ़ाई छोड़ कर घर संभालना पड़ा इसीलिए इस वक्त लोगों के आगे काम की भीख मांग रहा हूं, इस वक्त मेरी मां अस्पताल में है उसके ऑपरेशन के लिए मुझे पैसों की जरूरत है, मैं इस वक्त अपनी मां के इलाज के लिए कुछ भी कर सकता हूं चाहे उसके लिए मुझे किसी का नकली बॉयफ्रेंड ही क्यों ना बनना पड़े" राजवीर ने एक ही सांस में मानो अपनी जिंदगी का पूरा कच्चा चिट्ठा खोल दिया, 

इशाना को सच्चाई से अपनी जिंदगी के बारे में सब कुछ बताता हुआ राजवीर अच्छा लगा,

"अगले डेढ़ महीने के लिए बिल्कुल भूल जाना के तुम्हारी कोई फैमिली भी है अब तुम सिर्फ मेरे बॉयफ्रेंड हो और तुम्हें यही याद रखना चाहिए कल सुबह मैं तुम्हें पीक करूंगी इस जगह से अगले 2 दिनों में हम एक साथ रहेंगे और एक दूसरे के बारे में जितना हो सके जानेंगे ताकि ऑडिशन क्लियर हो सके, ठीक है!"

"हां, ठीक है, तुम्हें फिर से पूछना चाहूंगा तुम्हें पक्का लगता है कि हम यह शो जीत जाएंगे?" राजवीर ने अपने शंका जताई,

"ईशाना ने कभी हारना नहीं सीखा और मैं जानती हूं मैं अपने सारे सपने पूरे कर लूंगा" इशाना ने पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा,

"ठीक है फिर कल मिलते हैं" राजवीर ने कहा और दिल ने चुपके से उस लड़की को जगह दे दी,

"अपना ख्याल रखना बेबी, लव यू" इशाना ने राजवीर को गले लगा कर कहा,

राजवीर ने हैरान होकर ईशाना को खुद से थोड़ा दूर किया और देखने लगा,

"अब इसकी आदत डाल लो" ईशाना ने आंख मारते हुए कहा, और अपनी कार में चली गई,

राजवीर उसे देखता रहा जब तक कि वह उसकी नजरों से ओझल नहीं हो गई,

उसे अभी भी यकीन नहीं हो रहा था जो कुछ अभी हुआ उसके साथ, उसने कभी अपनी जिंदगी में ऐसा कुछ होने का सोचा भी नहीं था, कभी किसी लड़की से दोस्ती भी नहीं की अब शायद उसकी जिंदगी एक हसीन मोड़ लेने वाली थी, वह भी अपने घर की ओर चल पड़ा,

रात को जब बिस्तर पर लेटा और आंखें बंद की तो ईशाना का चेहरा उसकी नजरों के सामने आ गया, आज से पहले किसी लड़के ने उससे इस तरह बात नहीं की थी "कमाल की लड़की है भला कोई किसी को इस तरह 'बेबी लव यू' बोलता है"वह बढ़ बढ़ाया, और सो गया,

ईशाना रात भर खुशी से करवटें बदलती रही, "बस कुछ दिन और फिर मुझे सुपरस्टार बनने से कोई नहीं रोक सकता" ईशाना बहुत खुश थी,

अगले दिन दोनों तय किए समय पर मिले, आज भी ईशाना अपनी गाड़ी साथ लाई थी, "चले जानेमन" ईशाना ने गाड़ी की ओर इशारा करते हुए राजवीर से कहा,

"देखो लोग यह सब कहे बिना भी कपल्स हो सकते हैं" राजवीर ने सर खुजाते हुए कहा, ईशाना को समझ आ गया कि यह शर्मीला सा लड़का है, सिर पर हाथ मारते हुए बोली "बहुत मेहनत करनी पड़ेगी तुम पर",

घर पहुंच कर दोनों ने साथ खाना खाया और शाम तक बातें करते रहे दोनों को भी अंदाजा नहीं हुआ कि उनकी बातों में दिन खत्म हो चुका है,

"तुम्हारा फेवरेट हीरो कौन है, मेरा तो टॉम क्रूज है" ईशाना ने कहा,

"आजकल के हीरो का तो पता नहीं मगर मुझे अमोल पालेकर पसंद है" 

"वह कौन है" ईशाना सोच में पड़ गई,

राजवीर हंसने लगा और कहा "अपने जमाने के बहुत अच्छे एक्टर थे"

"और उनका जमाना कौन से जमाने में आता है?"

"यही कोई 40 50 साल पहले"

"ओ माय गॉड, मुझे इसके आगे कुछ नहीं जानना" ईशाना ने घबराने की अदाकारी करते हुए कहा,

2 दिन एक दूसरे के साथ बिताने के बाद ऐसे लग रहा था मानो दोनों कई सालों से एक दूसरे को जानते हों,

और फिर ऑडिशंस का दिन भी आ गया, दोनों वक्त पर तैयार होकर ऑडिशंस की जगह पर पहुंचे और फॉर्म फिल किया,

ओडीशंस के लिए दोनों को अलग अलग बिठाया गया, और एक दूसरे के बारे में सवाल पूछे गए, राजवीर ने 2 दिन में ईशाना को इतना तो जान ही लिया था उसकी पसंद नापसंद के सारे सवाल के जवाब सही दिए, मगर ईशाना को राजवीर के बारे में जवाब देने में काफी मुश्किल हो रही थी,

दोनों को जज ने बुलाया और पूछा " ईशाना आपको राजवीर के बारे में जवाब देने में इतनी दिक्कत कैसे हो रही थी जबकि राजवीर ने आपके बारे में सभी सवालों के जवाब दिया"

राजवीर जानता था कि ईशाना इस बात का जवाब नहीं दे सकती इसलिए उसने खुद ही कहा "यह कहती रहती है और मैं सुनता रहता हूं इसलिए मैं जानता हूं और यह बस इतना जानती है कि मैं ईसे पसंद करता हूं "

जज हंस पड़े, "अगर इशान हमारे इस सवाल का जवाब दे देती है आप शो के लिए सिलेक्ट हो जाएंगे" एक जज ने कहा

ईशाना और राजवीर में एक दूसरे की तरफ देखा और हां में सिर हिलाया,

"तो ईशाना जी! यह बताइए राजवीर का फेवरेट एक्टर कौन है?"

"अमूल पालेकर" ईशाना ने तुरंत कहा

"यह बात आपको कैसे पता ? बहुत सवालों का आपने सही जवाब नहीं दिया"

"क्योंकि राजवीर खुद अमूल पालेकर जैसा है, सीधा-साधा और शरीफ" इशाना ने राजवीर की ओर प्यार से देखते हुए कहा

"ठीक है आप दोनों जा सकते हैं हम आपको संपर्क करेंगे"जज ने कहा,

अगले दिन ईशाना को सूचना दे दी गई कि वह सिलेक्ट हो गए है, ईशाना बहुत खुश थी, 

"हम सिलेक्ट हो गए, यह लो तुम्हारा एडवांस जिसका मैंने वादा किया था" ईशाना बहुत खुश थी और चाहती थी राजवीर भी खुश हो जाए,

दोनों जश्न मनाने बाहर आए थे, मगर राजवीर कुछ गुमसुम था,

"क्या तुम्हें अपनी मां की याद आ रही है?" ईशाना ने मानों उसका मन पढ़ लिया,

"मैं ने कभी उन सबको अकेला नहीं छोड़ा शायद इसीलिए थोड़ा सा परेशान हुं"

"तुम चाहो तो उनसे मिल आओ, क्योंकि एक बार शो शुरू हो गया तो तुम्हें शयद फिर मौका ना मिले" वह कुछ उदास हो गई,

"मुझे समझने के लिए शुक्रिया"

"अभी कहां तुम्हें समझी हुं अभी तो बहुत कुछ जानना बाकी है"

"मैं तो खुली किताब हूं जब चाहे पढ़ लो"

"जब वक्त आएगा जरूर पढ़ुंगी" 

"और अगर मैं कुछ जानना चाहता हूं तो बताओगी"

"पुछो ना"

"तुमने कभी अपने परिवार के बारे में कुछ नहीं बताया"

"बताने के लिए कुछ नहीं है" ईशाना के चेहरे पर बल पड़ गए,

"तुम नहीं बताना चाहते तो कोई बात नहीं, मैं कुछ नहीं पूछूंगा, तुम्हारे लिए कॉफी ले आता हूं, अपना मूड मत खराब करो" राजवीर को उसकी परवाह होने लगी थी, वह काॅफी लाने के लिए जाने लगा,

"दो बेटे हैं मेरे मापा के, जो उनके लिए बहुत खास हैं, ईशाना ने कहना शुरू किया, " बेटी तो उनके सर पर बोझ थी, मेरे मां-बाप ने मुझे कभी प्यार नहीं किया, मैं तो नौकरों के भरोसे पली-बढ़ी हूं मेरे लिए उनके दिल में कोई अरमान नहीं था बस मुझे किसी के पल्ले बांध कर भेजना चाहते थे उन्हें मेरे सपनों में मेरी खुशी में जरा भी दिलचस्पी नहीं थी ऐसे मां-बाप की खुशी मेरे लिए क्यों मायने रखेगी इसीलिए मैं वह घर छोड़ा आई ताकि अपना सपना पूरा कर सकूं बस यही है मेरी जिंदगी की कहानी" ईशाना ने मुस्कुराने की कोशिश की,

राजवीर का दिल टूट गया यह जानकर के एक लड़की जो बहुत हंसमुख है जो जिंदगी के हर पल को खुल कर जीना चाहती है, जो बहुत बहादुर लगती है असल में अपने अंदर बहुत दुख लेकर जी रही है, वही एक पल काफी था जब राजवीर के दिल ने फैसला किया इस लड़की का साथ कभी नहीं छोड़ेगा आखिरी दम तक इस लड़की को हर खुशी देगा, एक पल काफी था जब राजवीर ने अपने आप से कहा, जिंदगी भर अगर किसी का साथ मुझे खुश रखेगा तो वो यही लड़की है, जिस दिन हम यह शो जीतेंगे उस दिन सारी दुनिया के सामने मैं इस लड़की को हमेशा के लिए अपना बना लूंगा,

शो शुरू हो चुका था लोगों से इन दोनों की जोड़ी को बहुत प्यार मिल रहा था बस आखरी 3 एपिसोड बचे थे फाइनल के लिए, ईशाना बहुत मेहनत कर रही थी कहीं कोई ग़लती न हो जाए, दोनों का देखा कोई नहीं कह सकता था कि वह दोनों असल में नाटक कर रहे हैं साथ होने का, राजवीर ईशाना के हर तरह से नखरे उठाया करता, उसे खरोच भी आने नहीं देता, और वह जानता था ईशाना भी उससे प्यार करती है, बस इज़हार नहीं कर रही, सच पूछा जाए तो वह चाहता भी नहीं था की ईशाना इकरार करें फिनाले वाले दिन वह खुद सारी दुनिया के सामने ईशाना को अपनाना चाहता था, मगर सबसे पहले वह चाहता था कि उसके सारे गम दिल से निकल जाए ईशाना अपने माता पिता को माफ कर दे वह जानता था रातों में उठ कर ईशाना अपने माता पिता की तस्वीर से बातें किया करती है वह चाहे जितना नाराजगी दिखाए अपने माता-पिता में उसकी जान बसती है, राजवीर ने ठान लिया कि किसी तरह ईशाना को अपने माता-पिता से मिलने के लिए भेजेगा,

1 दिनों उसे मौका मिला तो उसने बात छेड़ी

"ईशु ! बुरा न मानो तो एक बात कहूं"  ईशाना से ईशु तक का सफर तय कर लिया था, 

" भला तुम्हारी बात भी बुरी होती है मेरे प्यारे वीरु?" प्यार जताने में वह भी पीछे क्यों रहती, कहती थी ' राजवीर बड़ा लंबा नाम है, मैं तुम्हें वीरु पुकारुगी' 

"हमारी सारी तैयारी हो चुकी है और शूटिंग में भी अभी 4 दिन है अगर तुम्हें सही लगे तो क्यों ना तुम अपने मां बाप से मिल आओ, देखो मैं जानता हूं यह बात तुम्हें तकलीफ देती है कि उन्होंने तुम्हें नजर अंदाज किया मगर वह तुम्हारे माता-पिता तुमसे बहुत प्यार करते हैं यह बात तुम भी जानती हो, तुम्हारे भाई तुम्हारे माता-पिता तुम्हारा पूरा परिवार तुम्हारी कामयाबी से बहुत खुश है, एक बार मौका दो सारी जिंदगी तुम उनसे दूर नहीं रह सकते यह तुम भी जानती हो एक बार उनसे मिल आओ अगर तुम्हें लगता है मैं तुम्हारे लिए अच्छा चाहता हूं तो मेरी एक बात मान लो" राजवीर ने ईशाना का हाथ कस कर पकड़ लिया, और उसकी आंखों में देखते हुए कहा,

ईशाना ने कोई जवाब नहीं दिया, अपनी आंसू से भरी आंखें राजवीर के सीने से लगा लीं और तब तक रोती रही जब तक दिल का सारा ग़म आंखों के रास्ते बेह नहीं गया, राजवीर भी उसे तसल्ली देता रहा, रोते-रोते न जाने कब वह किसी छोटे बच्चे की तरह उसके सीने से लगे लगे ही सो गई,

अगली सुबह जब उसकी आंख खुली तो वह राजवीर के बिस्तर में थी पहले तो डर गई कि कहीं कोई ग़लती तो नहीं हो गई मगर उसे अपने वीरु पर भरोसा था कि वह कभी किसी का भरोसा नहीं तोडेगा,

बाहर आई तो राजवीर नाश्ता लगा रहा था,

"अरे उठ गई तुम चलो जल्दी से फ्रेश हो जाओ मैंने तुम्हारी पसंद का ब्रेकफास्ट बनाया है"  वह बड़े प्यार से देखते हुए बोला, 

"सुनो क्या कल कुछ हुआ था…. मतलब..! हमारे बीच!!" 

"कल की रात में जिंदगी भर नहीं भूल सकता" राजवीर ने दिल पर हाथ रखते हुए कहा

"झूठ मत बोलो हमारे बीच ऐसा कुछ नहीं हुआ मैं जानती हूं"

राजवीर हंसने लगा, " हां बाबा कुछ नहीं हुआ, तुम सो गई थी तो मैंने तुम्हें तुम्हारे रुम में उठा कर ले गया फिर जब सुबह आंख खुली तो तुम मेरे बेड पर मेरा हाथ पकड़े सो रही थी"

"सच में!!!"

"हां ईशु , अब तो ब्रेकफास्ट कर लो"

"तुम सही हो मैंने फैसला किया है कि मैं अपने मां बाप से मिलने जाऊंगी" नाश्ता करते हुए ईशाना ने कहा,

"मुझे तुम पर विश्वास था तुम जरूर जाओगी"

"ज्यादा खुश मत हो बस 2 दिन में वापस आ जाऊंगी"

"तुम्हारा हर फैसला सर आंखों पर" राजवीर ने प्यार से उसके सर पर हाथ फेरते हुए कहा,

"मेरे जाने के बाद तुम क्या करोगे" उसने पुछा

"दीदी आ रही है मैं दीदी को मां से मिलाने अस्पताल ले जाऊंगा"

"ठीक है"

"ईशु सुनो ! अपना बहुत ख्याल रखना, खाना छोड़कर बस चाय के भरोसे मत रहना, टाइम पर खाना, और किसी भी चीज की जरुरत हो या डर लगे तो वापस चली आना, समझी ! " ऐसी ही बहुत सारी बातें राजवीर ने ईशाना को जाते हुए कहीं,

" तुम भी" जाने क्यों ईशाना ने बस इतना ही कहा

" जब तुम वापस आ जाओगी तुम्हें तुम्हारी जिंदगी का सबसे बड़ा तोहफा दूंगा" राजवीर ने कहा और कार से दुर हट कर खड़ा हो गया,

"मेरा इंतजार करना मैं जल्दी आऊंगी " कह कर ईशाना चली गई,

बस यह आखरी बार था जब राजवीर ने ईशाना को देखा था,

ईशाना मानो कहीं गयब हो गई थी, राजवीर ने उसे ढूंढने की बहुत कोशिश की मगर उसका  कहीं पता ना चला, वह किसी तरह ईशाना के घर भी गया था जहां से पता चला ईशाना कभी वहां आई ही नहीं, हर वो जगह जहां ईशाना के मिलने की उम्मीद थी राजवीर वहां गया मगर हर बार उसके हाथ निराशा ही मिलती,

शो जीत नहीं सका मगर शो से मिली लोकप्रियता से फिल्मी जगत का सितारा बन गया,

मगर दिल में कहीं कोई कसक रह गई थी, बस एक बार ईशाना से मिलने की उम्मीद में हर दिन वह हर उस रास्ते से गुजरता जहां वह जाया करती थी,,

"सर !! आपसे मिलने कोई आए है" एक दिन नौकर ने कहा, 

"कौन है, मुझे किसी से नहीं मिलना"

मैं ने बहुत बार कहा था सर, मगर वह आपसे बस एक बार मिलना चाहते हैं, कह रहे हैं ईशाना के बारे में कुछ बात करनी है"

राजवीर ने सुना तो दौड़ कर चला आया,

"आप..! आप तो ईशु के पिता हैं" राजवीर हैरान था, जब वह ईशाना को ढूंढने उनके घर गया तो किसी ने सीधे मुंह बात भी नहीं की थी, और आज वह खुद चल कर आ गए,

"वह तुमसे मिलना चाहती है" ईशाना के पिता ने कहा

राजवीर को लगा कि वह सपना देख रहा है,

"एक बार मेरे साथ चलो बेटा, मैं हाथ जोड़कर विनती करता हूं मेरी बेटी से मिल लो एक बार" वह रोते हुए बोले,

"कहा है वो?" राजवीर ने पुछा, वह सब कुछ भुल गया, जैसे बीच के 10  साल कहीं गुम हो गए,

"मेरे साथ चलो मैं ले चलता हूं"

राजवीर उनके पीछे चल पड़ा, सारे रास्ते बस सोचता रहा कि क्या हुआ होगा ? कैसे मिलेगा वो ? क्यों उसने छोड़ा था उसे? इसने साल उसने खुद को छुपा कर क्यों रखा ? क्या मजबूरी थी जो उसने राजवीर से अपना रिश्ता खत्म कर दिया ? न जाने कितने सवाल थे जो उसे पुछने थे, खुशी थी , गुस्सा था , पता नहीं क्या क्या था, आज मैं और कुछ कहुं न कहुं तुमसे अपने प्यार का इजहार ज़रुर करुंगा, और बताऊंगा कि कैसे बिताए हैं मैं ने यह वक्त, राजवीर मन ही मन ईशाना से बातें करने लगा,

गाड़ी के रुकने पर वह अपनी दुनिया से बाहर निकल आया, ईशाना के पिता एक कमरे में ले गए, जहां ईशाना की लाश पड़ी थी, उसकी मां पागलों की तरह रो रही थी,

राजवीर के पैर अपनी जगह पर थम गए, उसे तो ईशाना से मिलना था , अपने सारे जज़्बात का इज़हार करना था, यह कैसे हो सकता है,

ईशाना के पिता उसके करीब आए और कहा " दस साल पहले आई थी शायद हम से मिलने, घर के बाहर ही इसका एक्सीडेंट हो गया, और यह कोमा में चली गई, तुम जब उसे ढूंढते हुए आए तो हम डर गए थे क्योंकि एक्सीडेंट मेरे बेटे के कारण हुआ था, कल टाॅक शो में तुम्हें देख कर पहली बार होश में आई हम सब से बहुत देर तक बातें की, तुम्हारे बारे में भी बताया, तुमसे मिलना चाहती थी, मुझसे कहा मैं तुम्हें ले आऊं, फिर अचानक कहने लगी कि सोना चाहती है, हमें क्या पता था कि वह हमेशा के लिए सो जाएगी " वह बहुत देर रोते रहे फिर अपनी जेब से एक पर्ची निकाल कर उसकी ओर बढ़ा दी, "उसके हाथ में यह था, तुम्हारे लिए...." राजवीर खुद को संभालते हुए वह कागज़ पकड़ा,

 लिखा था,

"आई लव यू वीरु"


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